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खतौली उपचुनाव-मदन भैया ने लड़कर बचाया अपना पर्चा

भाजपा नेता की शिकायत के बाद मदन ने भी भाजपा प्रत्याशी राजकुमारी के पर्चे को दी थी चुनौती, दोनों प्रत्याशियों के पर्चों पर आई आपत्तियों को लंबी बहस के बाद आरओ ने किया खारिज, रालोद जिलाध्यक्ष बोले-सच्चाई की हुई जीत, भाजपा शिकायत से बनाना चाहती थी दबाव

खतौली उपचुनाव-मदन भैया ने लड़कर बचाया अपना पर्चा
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मुजफ्फरनगर। खतौली उपचुनाव में रालोद सपा गठबंधन के प्रत्याशी पूर्व विधायक मदन गोपाल उर्फ मदन भैया के नामांकन पत्र को लेकर भाजपा नेता की शिकायत के बाद मची सनसनी आज आखिरकार उनका पर्चा मंजूर होने की खबरों के साथ जश्न में बदल गई। लोगों में चर्चा रही कि मदन भैया ने भाजपा प्रत्याशी राजकुमारी के नामांकन में की गई गलतियों को हथियार बनाकर भाजपा के खिलाफ लड़ाई लड़ी और लड़कर ही अपना पर्चा बचाने में वो सफल रहे। दोनों शिकायतों के मामले में रिटर्निंग ऑफीसर द्वारा लंबी बहस के बाद अपना फैसला सुनाया तो दोनों प्रत्याशियों के पर्चे मंजूर होने से असमंजस खत्म हो गया। रालोद ने जहां इसे सच्चाई की जीत बताया है, वहीं शिकायत करने वाले भाजपा नेता ने इस मामले में आरओ का निर्णय स्वीकार करते हुए कानून के सम्मान की बात कही है। कुल मिलाकर साफ हो गया है कि खतौली का सियासी संग्राम मदन भैया और राजकुमारी के बीच ही होने जा रहा है। कार्यवाही के दौरान मदन भैया स्वयं कचहरी में ही जमे रहे।


बता दें कि भाजपा के जिला प्रशिक्षण प्रमुख शिवराज त्यागी ने दो अन्य लोगों के साथ मिलकर रालोद प्रत्याशी मदन भैया के नामांकन पत्र में तथ्य छिपाने के आरोप लगाते हुए प्रारुप 26 के नियम 4के के अन्तर्गत बहुत त्रुटियां करने पर उनका नामांकन निरस्त करने की मांग रिटर्निंग आफीसर एसडीएम खतौली जीत सिंह राय से की थी। भाजपा नेता की शिकायत के बाद ही यह चर्चा चली कि रालोद प्रत्याशी का पर्चा निरस्त हो सकता है। इसके बाद मदन भैया सक्रिय हो गये और उन्होंने नामांकन पत्र का तीसरा सेट व लोनी तहसील की एनओसी गुरूवार को नामांकन के अंतिम दिन दाखिल कर दिया था। इसके बाद आज नामांकन पत्रों की जांच का दिन तय था। इसमें रिटर्निंग ऑफीसर जीत सिंह राय ने भाजपा नेता की शिकायत को सुनवाई के लिए स्वीकार किया और दोनों पक्षों को बहस के लिए सवेरे आमंत्रित किया था। भजापा की ओर से शिवराज त्यागी एडवोकेट और रालोद प्रत्याशी की ओर से उनके अधिवक्ता गाजियाबाद निवासी ओमवीर सिंह तथा सपा जिलाध्यक्ष प्रमोद त्यागी एडवोकेट ने अपने अपने तर्क प्रस्तुत किये। इस दौरान नामांकन स्थल से लेकर कचहरी गेट तक भारी सुरक्षा व्यवस्था रही। रालोद कार्यालय पर सवेेरे से ही पार्टी नेताओं के साथ कार्यकर्ताओं का जमावडा लगने लगा था। यहां तक की पैरा मिलिट्री फोर्स आरआरएफ के जवानों को सुरक्षा के लिए लगाया गया था।


सूत्रों के अनुसार भाजपा नेता की शिकायत पर बचाव पक्ष के रूप में बहस करने के दौरान मदन भैया के अधिवक्ता ओमवीर सिंह और प्रमोद त्यागी एडवोकेट जब अपना तर्क रख रहे थे तो उसी बीच शिवराज त्यागी के टोटा-टाकी करने पर मामला गरमा गया और प्रमोद त्यागी व शिवराज सिंह में तीखी बहस हो गई। रिटर्निंग ऑफीसर ने मामला संभाला। करीब साढ़े 12 बजे तक इस मामले में बहस चली और फिर फैसला सुरक्षित रख लिया गया। इसी बीच मदन भैया द्वारा अपने अधिवक्ता के माध्यम से की गई भाजपा प्रत्याशी राजकुमारी व उनके पति विक्रम सैनी की नामांकन पत्र में तथ्य छिपाने की शिकायत पर सनसनी मच गई। सूत्रखें का कहना है कि दोपहर के समय प्रेक्षक के निर्देश पर रिटर्निंग ऑफीसर ने भाजपा प्रत्याशी के पर्चे पर आई शिकायत को स्वीकार करते हुए दोनों पक्षों को बहस के लिए आमंत्रित किया। इसमें रालोद प्रत्याशी के वकीलों ओमवीर सिंह व प्रमोद त्यागी ने मजबूत पक्ष रखते हुए पर्चा निरस्त करने की मांग की तो शिवराज त्यागी ने अपने तर्क देकर बचाव किया।


दोनों मामलों की सुनवाई करने के बाद तीन बजे रिटर्निंग ऑफीसर ने स्क्रूटनी पूरी होने पर वैध नामांकन का ऐलान किया। इसमें रालोद प्रत्याशी मदन भैया और भाजपा प्रत्याशी राजकुमारी के नामांकन को लेकर आई सभी आपत्तियों को खारिज कर दिया और दोनों प्रमुख प्रत्याशियों के नामांकन पत्रों को वैध करार दिया। इसके बाद रालोद कार्यालय पर जमा कार्यकर्ताओं और नेताओं ने जश्न मनाया। रालोद जिलाध्यक्ष संदीप मलिक ने इसे सच्चाई की जीत बताते हुए कहा कि बेबुनियाद शिकायत करते हुए भाजपा के लोग विपक्ष पर दबाव बनाने का प्रयास कर रहे थे। हम लड़कर जीते हैं और इसी प्रकार उपचुनाव में भी हमें जीत मिलेगी। वहीं शिकायतकर्ता भाजपा नेता शिवराज त्यागी ने कहा कि हमारी शिकायत सही थी, लेकिन हम इस मामले में आरओ के निर्णय को स्वीकार करते हुए कानून का सम्मान करते हैं। दोनों मामलों में बहस पूरी होने के बाद भाजपा प्रत्याशी के अधिवक्ता और पार्टी नेता नामांकन स्थल से चले गये, जबकि रालोद जिलाध्यक्ष संदीप मलिक, मदन भैया के अधिवक्ता ओमवीर सिंह, प्रमोद त्यागी एडवोकेट मौके पर ही जमे रहे। प्रत्याशियों के वैध नामांकन की सूचना आरओ की ओर से नामांकन स्थल के नोटिस बोर्ड पर चस्पा करा दी गई थी।

हुुकुम सिंह के सामने रालोद ने गंवाया था प्रत्याशी का पर्चा

मुजफ्फरनगर। रालोद प्रत्याशी के नामांकन पर आई आपत्ति को बचाने में इस बार रालोद पूरी तरह से सफल नजर आया, वरना लोगों में चर्चा थी कि रालोद को हुकुम सिंह के चुनाव जैसा ही झटका लग सकता है। रालोद ने हुकुम सिंह के खिलाफ कैराना विधानसभा सीट के चुनाव में सदर ब्लॉक के एक चर्चित ब्लॉक प्रमुख रहे नेता के साथी विशाल कश्यप को टिकट दिया था। विशाल कश्यप का दूसरा भी नाम था, विशाल ने अपनी पत्नी के नाम से भी पर्चा भरा था। हुकुम सिंह की ओर से आपत्ति डाली गई। दो दिन बहस चली थी और विशाल कश्यप व उनकी पत्नी का नामांकन पत्र निरस्त कर दिया गया था।

खतौली उपुचनाव के सियासी संग्राम में सभी 14 प्रत्याशी फाइनल

मुजफ्फरनगर। खतौली उपचुनाव के लिए मैदान में उतरे रालोद प्रत्याशी पूर्व विधायक मदन भैया और भाजपा प्रत्याशी पूर्व प्रधान राजकुमार सैनी सहित सभी 14 दावेदार चुनाव लड़ेंगे। हालांकि शनिवार को नाम वापसी के बाद ही प्रत्याशियों की सही सूरत सामने आ पायेगी, लेकिन आज नामांकन पत्रों की जांच में सभी दावेदारों के पर्चे स्वीकृत कर लिये गये हैं।


रिटर्निंग ऑफीसर एसडीएम खतौली जीत सिंह राय ने बताया कि खतौली उपचुनाव के लिए नामांकन प्रक्रिया के बाद शुक्रवार को नामांकन पत्रों की जांच का कार्य पूर्ण किया गया। इस दौरान भाजपा और रालोद प्रत्याशियों के नामांकन पत्रों के लिए आई आपत्तियों पर सुनवाई करते हुए उनको साक्ष्य के अभाव में खारिज कर दिया गया। उन्होंने बताया कि रालोद और भाजपा प्रत्याशी सहित इस सीट के चुनाव के लिए 14 प्रत्याशियों ने नामांकन पत्र दाखिल किये थे, जो जांच में सभी सही पाये जाने के बाद स्वीकृत कर लिये गये हैं। शनिवार को नाम वापसी का दिन तय है। इसके बाद ही फाइनल प्रत्याशियों की सूची जारी कर दी जायेगी। उन्होंने बताया कि खतौली उपचुनाव के लिए सभी 14 प्रत्याशियों में भाजपा से राजकुमारी सैनी, रालोद प्रत्याशी पूर्व विधायक मदन भैया, मजदूर किसान यूनियन के यशपाल सिंह, भागीदारी पार्टी ;पीद्ध के रमेश बहादरपुर के साथ ही 10 निर्दलीय प्रत्याशियों में जिला पंचायत सदस्य प्रमोद आर्य उर्फ अन्ना, संजीव कुमार, निर्मल प्रताप सिंह, मौ. यूसुफ, संतोष, सुदेश, सुरेशवती, यजपाल सिंह राठी, वकार अहमद, प्रदीप कुमार शामिल रहे।

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