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शहरी सियासत के चाणक्य मूलचंद पंचतत्व में विलीन

लाला मूलचंद के नाम पर शहर को मिले दो मजबूत चेयरमैन, अंतिम दर्शन को उमड़े लोग

शहरी सियासत के चाणक्य मूलचंद पंचतत्व में विलीन
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मुजफ्फरनगर। शहरी सियासत में अपनी एक मजबूत पकड़ साबित करते हुए अपने परिवार से दो मजबूत चेयरमैन देने वाले लाला मूलचंद सर्राफ आज पंचतत्व में विलीन हो गये। उनके निधन के समाचार से पूरे जनपद में शोक का वातावरण नजर आया। राजनीतिक, सामाजिक, व्यापारिक और औद्योगिक क्षेत्र के नामचीन लोगों ने आज उनके आवास पर जाकर उनके अंतिम दर्शन करते हुए अपनी शोक संवेदना व्यक्त की। शहर श्मशान घाट पर लाला मूलचंद सर्राफ का अंतिम संस्कार कर दिया गया।

कोरोना संकट के दौरान शहर ने कई लोगों को खोया है, लेकिन इस संकट के दौरान लाला मूलचंद सर्राफ का निधन होने से पूरे जनपद में शोक की लहर दौड़ी। लाला मूलचंद पिछले कुछ दिनों से बीमार चल रहे थे। परिवार के लोगों के अनुसार चार दिन पूर्व उनको उपचार के लिए गुरूग्राम स्थित मेदांता हास्पिटल में भर्ती कराया गया था। वहां पर किडनी इंफेक्शन के कारण उनका उपचार चल रहा था। उपचार के दौरान उनका बीती देर रात हार्ट अटैक के कारण निधन हो गया। लाला मूलचंद सर्राफ का जीवन समाजसेवा में व्यतीत हुआ है। राजनीतिक स्तर पर वह कभी मोर्चे पर नहीं आये, लेकिन उनकी राजनीतिक सोच दिग्गजों को भी मात देने वाली रही।

उन्होंने पहले अपने पुत्र पंकज अग्रवाल को नगरपालिका परिषद् के चेयरमैन पद पर चुनाव लड़वाया और कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में उसको चुनाव जितवाने में सफल रहे। पंकज अग्रवाल ने अपने पिता के ही संस्कार पर पांच साल एक मजबूत चेयरमैन के रूप में काम कर जनता के दिलों में जगह बनाने का काम किया। इसके बाद लाला मूलचंद सर्राफ के परिवार से ही उनके छोटे भाई की पत्नी अंजू अग्रवाल को चुनाव मैदान में उतारा गया। लाला मूलचंद की पहचान का ही यह असर था कि अंजू अग्रवाल ने भाजपा प्रत्याशी को कड़ी टक्कर देकर कुर्सी कब्जाई। आज अंजू अग्रवाल आयरन लेडी के रूप में शहर के विकास को शिखर तक ले जाने के प्रयासों में जुटी हुई है। लाला मूलचंद सर्राफ ने परिवार से दो मजबूत चेयरमैन देकर शहरी सियासत में खुद को एक चाणक्य के तौर पर साबित करने का काम किया है।


हालांकि वह पेशे से एक सर्राफा व्यापारी के रूप में ज्यादा प्रसि( रहे। सर्राफा बाजार में उनकी दुकान बड़े बड़े मसलों को हल करने और करवाने की गवाह रही है। लाला मूलचंद सर्राफ का हर तबके में सम्मान रहा। यही कारण है कि उनके निधन का समाचार पाकर प्रकाश चौक स्थित उनके आवास पर रविवार सवेरे से ही लोगों के पहुंचने का सिलसिला बना रहा। राज्यमंत्री कपिल देव अग्रवाल ने भी उनके आवास पर पहुंचकर शोक संवेदना व्यक्त की और उनके भाई शिवनारायण, अशोक अग्रवाल, सुरेन्द्र अग्रवाल, पुष्पेन्द्र अग्रवाल के साथ ही उनके पुत्र पूर्व चेयरमैन पंकज अग्रवाल और नवीन अग्रवाल के साथ रहकर लाला मूलचंद के अंतिम दर्शन कर पुण्य आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की।

लाला मूलचंद सर्राफ काफी धार्मिक प्रवृति के व्यक्ति थे। वह अक्सर ही 'मेरा आपकी कृपा से हर काम हो रहा है' भजन गुनगुनाया करते थे। रविवार को 11 बजे उनके स्थान से जब उनकी अंतिम यात्रा शुरू हुई तो काफी संख्या में लोग इसमें शामिल रहे। भोपा रोड स्थित शहर श्मशान घाट पर लाला मूलचंद सर्राफ का अंतिम संस्कार कर दिया गया।

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