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एनसीआर नीति ने मुजफ्फरनगर को किया बर्बाद

जनाधिकार संघर्ष परिषद् ने की मुजफ्फरनगर जनपद में एनसीआर के प्रतिबंधों को समाप्त करने की मांग, राष्ट्रीय अध्यक्ष ब्रह्मसिंह प्रजापति बोले-एनसीआर नीति से जिले में राजस्व घटा-शोषण बढ़ा

एनसीआर नीति ने मुजफ्फरनगर को किया बर्बाद
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मुजफ्फरनगर। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र ;एनसीआरद्ध में जनपद मुजफ्फरनगर के शामिल होने के बाद से ही यहां पर लगे विभिन्न प्रकार के प्रतिबंधों को आर्थिक और मानसिक उत्पीड़न का कारण बताते हुए जनाधिकार संघर्ष परिषद् के अध्यक्ष ब्रह्मसिंह प्रजापति ने कहा कि जनता को इस उत्पीड़न से मुक्त करने के लिए यहां पर एनसीआर के प्रतिबंध समाप्त करने के लिए सरकार से हम मांग कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस जनपद को एनसीआर में शामिल होने के बाद कुछ नहीं मिला, केवल यहां पर राजस्व घटा और उत्पीड़न बढ़ा है।

बुधवार को नगर के एक रेस्टोरेंट में पत्रकारों से वार्ता करते हुए जनाधिकार संघर्ष परिषद् के अध्यक्ष ब्रह्मसिंह प्रजापति ने कहा कि जनपद के एनसीआर में शामिल होने के बाद यहां पर सरकार द्वज्ञरा विभिन्न प्रकार के प्रतिबंध लागू कर दिये गये। इसका प्रतिकूल प्रभाव यहां के उद्योग धंधों पर पड़ा है। मध्यम वर्ग के कारोबारी सर्वाधिक रूप से प्रभावित हुए हैं। बेरोजगारी बढ़ी है और एक बड़ी संख्या में लोग मानसिक रूप से तनाव में जी रहे हैं। आर्थिक रूप से भी कई लोग बर्बाद हुए हैं। उन्होंने कहा कि एनसीआर क्षेत्र में जिले के आने के बाद परिवहन ट्रांसपोर्ट, मध्यम कल कारखाने और ईंट भट्टा व्यवसाय अधिकांश रूप से प्रभावित है और बन्द हो चुका है। इससे सरकार को बड़े पैमाने पर राजस्व का घाटा भी उठाना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि बसों के बन्द हो जाने के कारण आज काफी परिवार रोजगार का संकट झेल रहे हैं, लेकिन पुलिस से सेटिंग करते हुए डग्गामार वाहनों का संचालन किया जा रहा है। इससे सरकार को राजस्व नहीं मिल पा रहा है।

बिना टैक्स के ट्रांसपोर्ट हो रहा है। उन्होंने कहा कि प्रदूषण के नाम पर भी बड़े पैमाने पर उत्पीड़न किया जा रहा है। इसके लिए एनसीआर क्षेत्र में 10 वर्ष की वाहन मॉडल कंडीशन को जनविरोधी बताते हुए उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा दी गई व्यवस्था के अनुसार जनपद में वाहनों का संचालन कराने की अनुमति दी जाये। इसमें निजी वाहनों के लिए 20 वर्ष और कामर्शियल वाहनों के लिए 15 साल की छूट दी गई है, लेकिन यह दुर्भाग्य है कि जनपद में अधिकारी केन्द्र सरकार की इस व्यवस्था को मानने के बजाये मनमाने ढंग से ही कार्य कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि वाहनों के प्रदूषण का बड़ा कारण मिलावटी पेट्रोल डीजल की बिक्री भी है, इस पर रोक लगायी जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार की नीतियों को लागू करने से यहां पर रोजगार के साधन बढ़ेंगे और वाहन ट्रांसपोर्ट से जुड़े कारोबारियों की समस्याओं का भी समाधान होगा। उन्होंने कहा कि हम केन्द्र और प्रदेश सरकार से यही मांग करते हैं कि संसद में पारित किये गये प्रस्ताव के अन्तर्गत वाहन की छूट अनुमन्य की जाये। प्रेस वार्ता में मुख्य रूप से जिलाध्यक्ष सुजीत बंजारा, मेलाराम, विनय पाल, मुकेश कुमार, अजय कुमार, बाबूराम, बल्ली, विरेन्द्र ंिसह, सुन्दर पाल आदि मौजूद रहे।

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