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एसके बिट्टू की माफी कबूल-पुलिस ने दी क्लीन चिट

10 साल पुरानी शादी में बंदूक के साथ खिंवचाये फोटो वायरल होने पर चर्चाओं में आये चेयरपर्सन के पर्सनल फोटोग्राफर को मिली बड़ी राहत

एसके बिट्टू की माफी कबूल-पुलिस ने दी क्लीन चिट
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मुजफ्फरनगर। बंदूक के साथ फायर करते हुए खिंचवाये गये कुछ फोटो के सोशल मीडिया पर वायरल हो जाने के बाद चर्चाओं में आये नगरपालिका परिषद् की चेयरपर्सन अंजू अग्रवाल के पर्सनल फोटोग्राफर एसके बिट्टू उर्फ सरफराज खान को पुलिस ने जांच में क्लीन चिट दे दी है। इससे पहले फोटो को लेकर सोशल मीडिया पर चली खबरों के बाद बिट्टू ने इन फोटो को करीब 10 साल पुराना बताते हुए माफी भी मांग ली थी। इसके साथ ही आज उन्होंने कुछ खबरों में चेयरपर्सन का पीए बताये जाने पर इसे गलत बताते हुए स्पष्ट किया है कि वह चेयरपर्सन के पीए के रूप में कार्य नहीं कर रहे हैं।

रविवार को सोशल मीडिया पर एसके बिट्टू की कुछ तस्वीर वायरल हुई थी। इनमें उनको सफेद सूट में हाथ में बंदूक लेकर हवाई फायर करते हुए दिखाया गया है। इन तस्वीरों को एसके बिट्टू की फेसबुक वॉल पर वायरल किया गया था। तस्वीरें वायरल होने के बाद एसके बिट्टू पर हथियारों का प्रदर्शन करने और कानून तोड़ने के आरोप लगे थे। दोपहर बाद एसके बिट्टू ने इन तस्वीरों के वायरल होने को लेकर स्पष्टीकरण दिया था। इसमें एसके बिट्टू ने बताया था कि घर के नादान बच्चों द्वारा मेरी फेसबुक आईडी पर साल 2012 के एक शादी समारोह में बंदूक के साथ खींची गई तस्वीरों को अपलोड किया गया था। मैं व्यस्त होने के कारण 1 बजे तक अपनी फेसबुक आईडी नहीं खोल पाया। जब मेरे पास मेरे किसी शुभचिंतक का फोन आया और उन्होंने बताया कि हथियार के साथ सोशल मीडिया पर उनकी फोटो वायरल हो रही हैं तो इनके बारे में मैंने अपनी आईडी लॉगिन कर जानकारी ली। मैंने इन तस्वीरों को तुरंत अपनी फेसबुक आईडी से डिलीट कर दिया। चाहे अनचाहे जो फोटो फेसबुक आईडी पर अपलोड किए गए थे, वह गलत थे और मैं उसके लिए क्षमा प्रार्थी हूं। बिट्टू के इस स्पष्टीकरण और माफी के बाद भी उनकी तस्वीरों को लेकर कानून तोड़े जाने पर खबरें चली। उनको खबरों में नगर पालिका परिषद् की चेयरपर्सन अंजू अग्रवाल का पीए भी बताया गया। इसको लेकर एसके बिट्टू को फिर से अपना स्पष्टीकरण देना पड़ा।


इसमें उन्होंने कहा कि मेरी फेसबुक आईडी से कुछ फोटो वायरल मेरे घर के बच्चों द्वारा कर दी गई थी। मेरे संज्ञान में आने पर मेरे द्वारा उस पोस्ट को डिलीट कर दिया गया है। जो फोटो वायरल हुए हैं, दरअसल वह 11 फरवरी 2012 को मेरे भाई नाजम की मैरिज के दौरान खींचे गये थे। इन फोटो में मेरे हाथ में जो बंदूक नजर आ रही है, वह मेरे पापा की थी, जिसका लाइसेंस उनके नाम पर था। बंदूक हाथ में केवल फोटो खिंचवाने के लिए ही पकड़ी थी। गलती घर के बच्चों की है, जिन्होंने एलबम से ये फोटो लेकर वायरल कर दी। मैं भविष्य में इस तरह की गलती ना हो इसका पूरी तरह ध्यान रखूंगा और जो यह गलती मेरे से हुई है मैं उसके लिए क्षमा प्रार्थी हूं। मेरे इस कथन में अगर कुछ भी गलत पाया जाता है, कानून मेरे खिलाफ कार्यवाही कर सकता है। बिट्टू ने यह भी कहा है कि मैं यह भी बताना चाहता हूं कि मैं चेयरमैन श्रीमती अंजू अग्रवाल का पीए नहीं हूं, मैं उनका निजी मीडिया प्रभारी हूं। जबकि इससे पहले चेयरपर्सन अंजू अग्रवाल ने कहा है कि बिट्टू उनके परिवार का निजी फोटोग्राफर है, जोकि पारिवारिक कार्यक्रमों व अन्य प्रोग्राम में उनके फोटो खींचने का कार्य करता है।

वहीं इस मामले में शहर कोतवाली प्रभारी इंस्पेक्टर आनंद देव मिश्रा का कहना है कि सोशल मीडिया पर फोटो वायरल होने को लेकर कोई शिकायत नहीं मिली, लेकिन इसका संज्ञान लिया गया। उन्होंने स्वयं ने इस मामले की जांच की और फोटों वायरल होने को लेकर बिट्टू से भी पूछताछ की गई। जांच में पाया गया कि वास्तव में वायरल फोटो साल 2012 में हुई शादी समारोह के हैं और जो बंदूक बिट्टू ने पकड़ी हुई है, वह उनके पिता की लाइसेंसी बंदूक थी। क्योंकि मामला 10 साल पुरानी फोटो का है, तो ऐसे में उनके खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं बनती है। पुलिस की क्लीन चिट मिल जाने पर बिट्टू ने भी राहत महसूस की है।

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