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जिले में मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना के अन्तर्गत 12 बच्चों को प्रतिमाह मिलेंगे 4000 रुपये

आवेदन पत्रों को पूर्ण कराकर नियमानुसार जांच की प्रक्रिया संचालित है। अन्य बच्चों को भी योजना में लाभ दिये जाने हेतु कार्यवाही सर्वोच्च प्राथमिकता पर पूर्ण की जा रही है।

जिले में मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना के अन्तर्गत 12 बच्चों को प्रतिमाह मिलेंगे 4000 रुपये
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मुजफ्फरनगर। कोविड-19 से प्रभावित अनाथ बच्चों के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा प्रारम्भ की गयी उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना के अन्तर्गत जिलाधिकारी की अध्यक्षता में गठित जिला टास्क फोर्स द्वारा 12 बच्चों को रुपये 4000 प्रतिमाह की धनराशि दिये जाने तथा इनमें से 06 बच्चों को रुपये 4000 प्रतिमाह की धनराशि के साथ-साथ एक टेबलेट या लेपटाॅप दिये जाने की स्वीकृति भी प्रदान की गयी है। जनपद में योजना के अन्तर्गत 144 बच्चों का चिन्हांकन किया गया है। आवेदन पत्रों को पूर्ण कराकर नियमानुसार जांच की प्रक्रिया संचालित है। अन्य बच्चों को भी योजना में लाभ दिये जाने हेतु कार्यवाही सर्वोच्च प्राथमिकता पर पूर्ण की जा रही है।

महिला एवं बाल विकास अनुभाग-1, उप्र शासन द्वारा उप्र मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना के सुगम संचालन हेतु विस्तृत दिशा-निर्देश एवं आवेदन पत्र निर्गत किये गये हैं। योजना से लाभान्वित किये जाने वाले बच्चों की तीन श्रेणियां निर्धारित की गयी हैं। (1) 0 से 18 वर्ष की उम्र तक के ऐसे सभी बच्चे जिनके माता तथा पिता दोनों की मृत्यु कोविड-19 के संक्रमण से महामारी के दौरान हो गई हो या जिनके माता या पिता में से एक की मृत्यु 01 मार्च 2020 से पूर्व हो गयी थी तथा दूसरे की मृत्यु कोविड-19 के संक्रमण से महामारी के दौरान हो गयी हो या जिनके माता व पिता दोनो की मृत्यु 01 मार्च 2020 से पूर्व हो गयी थी तथा उनके वैध संरक्षण (स्महंस ळनंतकपंद) की मृत्यु कोविड-19 के संक्रमण से महामारी के दौरान हो गई हो। (2) 0 से 18 की उम्र तक के ऐसे सभी बच्चों को भी शामिल किया जायेगा जिन्होंने कोविड-19 के कारण अपने माता-पिता में से आय अर्जित करने वाले अभिभावक को खो दिया हो तथा वर्तमान में जीवित माता या पिता सहित परिवार की आय 2 लाख रूपये प्रतिवर्ष से अधिक न हो। (3) कोविड-19 से मृत्यु के साक्ष्य के लिए एंटीजन आरटी पीसीआर रिपोर्ट की। पाजिटिव रिपोर्ट रक्त की रिपोर्ट या सीटी स्कैन में कोविड.19 का इंफेक्शन होना माना जा सकता है। कोविड-19 का रोगी कतिपय परिस्थितियों में टेस्ट निगेटिव आने के बाद भी पोस्ट कोविड कांप्लीकेशन से उसकी मृत्यु हो सकती है। यह मृत्यु भी च्वेज.ब्वअपक.19 की वजह से ही मानी जाती है।

योजना की पात्रता हेतु अन्य शर्ते इस प्रकार हैं-(1) लाभार्थी अनिवार्य रूप से उत्तर प्रदेश का मूल निवासी हो। (2) एक परिवार के सभी (जैविक तथा कानूनी रूप से गोद लिये गये) बच्चों को योजना का लाभ मिल सकेगा। (3) 01 मार्च, 2020 को या इसके बाद उपरोक्त 02 श्रेणियों में आने वाले बच्चों को ही योजना का लाभ दिया जा सकेगा। योजना के अन्तर्गत देय लाभ की श्रेणियां इस प्रकार हैं-(1) उपरोक्त श्रेणियों के 0 से 10 वर्ष तक की आयु के बच्चों के वैध संरक्षक के बैंक खाते में रुपये 4000ध्- (रुपये चार हजार) प्रतिमाह की धनराशि देय होगी, बशर्ते औपचारिक शिक्षा हेतु उनका पंजीयन किसी मान्यता प्राप्त विद्यालय में कराया गया हो। इसके अतिरिक्त ऐसे बच्चे जो पूर्णतया अनाथ हो गये हों एवं बाल कल्याण समिति के आदेश से विभाग के अन्तर्गत संचालित बाल्य देखभाल संस्थाओं में आवासित कराये गये हों, उनका कक्षा 6 से कक्षा 12 तक की शिक्षा हेतु अटल आवासीय विद्यालयों तथा कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालयों में प्रवेश कराया जायेगा। (2) 11 से 18 वर्ष तक की आयु के सभी बच्चों की कक्षा-12 तक की निःशुल्क शिक्षा हेतु अटल आवासीय विद्यालयों तथा कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालयों में प्रवेश कराया जायेगा तथा विद्यालयों की 03 महीने की अवकाश अवधि हेतु बच्चे की देखभाल हेतु प्रतिमाह रुपये 4000ध्- की दर से कुल रुपये 12000ध्- की धनराशि प्रतिवर्ष वैध संरक्षक जिसकी अभिरक्षा में बच्चा हो, के बैंक खाते में हस्तांतरित की जायेगी तथा उक्त धनराशि कक्षा-12 तक या 18 वर्ष की आयु पूर्ण होने तक जो भी पहले हो ही देय होगी। अथवा यदि बच्चों के संरक्षक उपरोक्त आवासीय विद्यालयों में किसी कारण से प्रवेश नहीं दिलाना चाहते हों, तो बच्चों की देखरेख व शिक्षा हेतु उनको 18 वर्ष की आयु होने अथवा कक्षा-12 तक की शिक्षा पूरी होने तक रुपये 4000ध्- की धनराशि दी जायेगी, बशर्ते बच्चे को औपचारिक शिक्षा हेतु अनिवार्य रूप से किसी मान्यता प्राप्त विद्यालय में प्रवेश दिलाया गया हो। (3) प्रदेश सरकार ऐसी सभी बालिकाओं की शादी हेतु रुपये 1,01,000 रुपयें की धनराशि उपलब्ध करायेगी। (4) उपरोक्त श्रेणी के अन्तर्गत आने वाले कक्षा-9 या इससे ऊपर की कक्षा में अथवा व्यवसायिक शिक्षा प्राप्त कर रहे 18 वर्ष तक के बच्चों को टेबलेट या लैपटाॅप की सुविधा एक बार उपलब्ध करायेगी। (5) उपरोक्त के अतिरिक्त ऐसे बच्चे जिनके माता तथा पिता दोनो की मृत्यु हो गयी हो उनके बालिग होने तक उनकी चल-अचल सम्पत्ति की सुरक्षा हेतु जिला मजिस्ट्रेट संरक्षक होंगे तथा सम्पत्ति से संबंधित कानूनी विवादों में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के माध्यम से विधिक सहायता उपलब्ध करायेंगे। (6) वैध संरक्षक का चिन्हांकन जनपद स्तरीय टास्क फोर्स द्वारा किया जायेगा तथा जनपद स्तरीय टास्क फोर्स ऐसे प्रकरणों का सतत् अनुश्रवण भी करेगी। (7) जिला बाल संरक्षण इकाई व बाल कल्याण समिति द्वारा उपरोक्त बच्चों की शिक्षा, पोषण, शारीरिक व मानसिक स्वास्थ्य आदि के संबंध में निरन्तर फाॅलोअप किया जायेगा तथा अपनी रिपोर्ट अनिवार्य रूप से प्रत्येक तिमाही पर जनपद स्तरीय टास्क फोर्स के समक्ष प्रस्तुत की जायेगी। (8) जिला प्रोबेशन अधिकारी को जनपद की मांग के अनुसार बजट आवंटन किया जायेगा।

योजना के अन्तर्गत लाभार्थी के अपात्र होने के कारण इस प्रकार हैं- (1) लाभार्थी की मृत्यु हो गयी हो। (2) लाभार्थी की उम्र 18 वर्ष से अधिक हो गयी हो। (3) परिवार की आय 2 लाख रूपये वार्षिक से अधिक हो गयी हो (मात्र द्वितीय श्रेणी के लाभर्थियों के मामलों में)। (4) लाभार्थी बच्चे को दत्तक ग्रहण में सौंप दिया गया हो। (5) लाभार्थी बच्चे को किशोर न्याय अधिनियम के अन्तर्गत मान्यता प्राप्त किसी बाल गृह में आवासित कराया गया हो अथवा किसी अपराध में सम्प्रेक्षण गृह में निरुद्ध कराया गया हो। (6) विवाह की कानूनी उम्र के उपरांत विवाह होने पर। योजना के अन्तर्गत आवेदन हेतु आवश्यक अभिलेख इस प्रकार हैं- (1) पूर्ण आवेदन पत्र बच्चे व वर्तमान अभिभावक की नवीनतम फोटो सहित। (2) माताध्पिताध्दोनो जैसी भी स्थिति हो का मृत्यु प्रमाण पत्र। (3) बच्चे का आयु प्रमाण पत्र। किशोर न्याय (बालकों की देखरेख और संरक्षण) अधिनियम, 2015 की धारा 94 में उल्लिखित प्रमाण पत्रों के अतिरिक्त परिवार रजिस्टर की नकल अथवा किसी सरकारी दस्तावेज की प्रति जिसमें आयु का उल्लेख हो। (4) संबंधित श्रेणी के शिक्षण संस्थान में पंजीयन का प्रमाण पत्र। (5) उ0प्र0 के निवासी होने का घोषणा-पत्र। (6) आय प्रमाण पत्र (माता व पिता दोनों की मृत्यु होने की स्थिति में आवश्यक नहीं है)। लाभार्थियों के बैंक खातों में उपरोक्त धनराशि प्रति वर्ष 02 छमाही किश्तों में प्रेषित की जायेगी

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