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कोविड की दूसरी लहर के कारण 2 लाख करोड़ का नुकसान

हालांकि, पिछले साल लगाए गए राष्ट्रीय लाॅकडाउन के मुकाबले इस साल नुकसान कम है। औद्योगिक उत्पादन व निर्यात के मोर्चे से सकारात्मक सूचनाएं लगातार आ रही हैं। देश की इकोनॉमी में यह क्षमता है कि वह तेजी से सामान्य हो सकती है।

कोविड की दूसरी लहर के कारण 2 लाख करोड़ का नुकसान
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नई दिल्ली। कोरोना की दूसरी लहर के चलते देश की अर्थव्यवस्था को मौजूदा वित्त वर्ष में दो लाख करोड़ रुपये की चपत लग चुकी है। इसके साथ ही अभी तीसरी लहर की आशंका को लेकर भी चिंताएं बनी हुई हैं।

इस नुकसान का आकलन भारतीय रिजर्व बैंक ने किया है। देश की अर्थव्यवस्था पर बुधवार को जारी अपनी रिपोर्ट में रिजर्व बैंक ने कोरोना महामारी के दूरगामी असर की विस्तृत समीक्षा की है। आरबीआई ने कहा है कि कोरोना वैक्सीन एक बड़ी खोज है, लेकिन केवल वैक्सीनेशन से ही इस महामारी से बचाव नहीं हो सकता। हमें कोरोना के साथ ही जीने की आदत डालनी होगी। इसके साथ ही सरकारों को हेल्थकेयर व लाॅजिस्टिक्स में भारी भरकम निवेश भी करने को प्राथमिकता देनी होगी। रिपोर्ट में कहा गया है कि चालू वित्त वर्ष के लिए विकास दर को 10.5 फीसद से घटाकर 9.5 फीसद करने से अर्थव्यवस्था को अभी तक दो लाख करोड़ रुपये का नुकसान होता दिख रहा है। यह नुकसान ग्रामीण व छोटे शहरों में मांग प्रभावित होने की वजह से मुख्य तौर पर हो रहा है। इसके अलावा रिपोर्ट में इस बात के भी संकेत है कि महंगाई की चिंता अभी केंद्रीय बैंक के समक्ष बड़ी है लेकिन इसके बावजूद ब्याज दरों को लेकर सख्ती नहीं किया जाएगा। हालांकि, पिछले साल लगाए गए राष्ट्रीय लाॅकडाउन के मुकाबले इस साल नुकसान कम है। औद्योगिक उत्पादन व निर्यात के मोर्चे से सकारात्मक सूचनाएं लगातार आ रही हैं। देश की इकोनॉमी में यह क्षमता है कि वह तेजी से सामान्य हो सकती है।

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