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टिकट कटने पर टीएमसी में घमासान, हंगामा और तोड़फोड़

पश्चिम बंगाल में शुरू हो चुके सियासी समर के बीच टीएमसी में टिकट घोषित करते हुए बगावत होने लगी। ममता बनर्जी ने टिकट कटने का कारण कोविड-19 का संकट बताया।

टिकट कटने पर टीएमसी में घमासान, हंगामा और तोड़फोड़
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कोलकाता। पश्चिम बंगाल में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए ममता बनर्जी ने 291 उम्मीदवारों का एलान कर दिया है। उन्होंने फिल्मी सितारों से लेकर क्रिकेटरों तक पर दांव खेला है, लेकिन दीदी के उम्मीदवारों की सूची उनकी पार्टी के कई नेताओं को पसंद नहीं आई है। दरअसल, ममता ने करीब 28 मौजूदा विधायकों के टिकट काट दिए, जिसके बाद पार्टी में घमासान शुरू हो गया है। समर्थकों ने जगह-जगह तोड़फोड़ की और जाम लगाकर नाराजगी जाहिर की।

जानकारी के मुताबिक, टिकट कटने वाले विधायकों में सोनाली गुहा भी शामिल हैं। उन्होंने कहा कि मैं हमेशा ममता बनर्जी के साथ रही और मुझे यह इनाम मिला। मुझे डायबिटीज है, जिसके चलते मेरा टिकट काट दिया गया। कम से कम मुझे बता दिया होता। भगवान करे कि दीदी को कुछ समझ आए। बताया जा रहा है कि साउथ 24 परगना के भानगर और नॉर्थ 24 परगना के अमदांगा से वर्तमान विधायक अराबुल इस्लाम और रफिकुर रहमान को भी टिकट नहीं मिला है। इससे नाराज समर्थकों ने सड़क पर जाम लगा दिया। साथ ही, भानगर स्थित टीएमसी दफ्तर में तोड़फोड़ भी की। अराबुल इस्लाम ने कहा कि दीदी के इस फैसले से मेरे बूथ कार्यकर्ता रो रहे हैं। भानगर के लोग मुझे जो कहेंगे, मैं करने के लिए तैयार हूं।

टीएमसी प्रमुख एवं पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने वर्तमान विधायकों के नाम काटने के पीछे की वजह साफ करते हुए कहा कि यदि उनकी पार्टी सत्ता में आई तो वह विधान परिषद का गठन कराएंगी। इससे पार्टी के अनुभवी नेताओं को समायोजित किया जा सकेगा। ममता बनर्जी ने कहा कि कई मौजूदा विधायक, मंत्री और नेताओं को टिकट नहीं दिया जा सका है। हमें युवा और अनुभवी नेताओं का मिश्रण बनाना था। कोरोना-19 महामारी की वजह से 80 साल से अधिक उम्र के लोगों का नाम शामिल नहीं किया गया है। कुछ विधायकों को भी टिकट नहीं दिया गया है। इन नेताओं को राज्य विधान परिषद में शामिल करने की कोशिश करेंगे।

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