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किसान आंदोलन: भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर आजाद भी पहुंचे समर्थन में

इस बीच केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसान संगठनों के नेताओं को कोविड-19 महामारी एवं सर्दी का हवाला देते हुए तीन दिसंबर की जगह आज यानी मंगलवार को बातचीत के लिए आमंत्रित किया।

किसान आंदोलन: भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर आजाद भी पहुंचे समर्थन में
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नई दिल्ली। केंद्र सरकार के कृषि कानूनों के खिलाफ पंजाब और हरियाणा से आए हजारों किसानों का पिछले पांच दिनों से हल्ला बोल आज भी जारी रहा। देश की राजधानी दिल्ली की सीमा पर हजारों किसान पिछले पांच दिनों से धरना पर डटे हैं और आज उनके प्रदर्शन का छठा दिन था। इस बीच केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसान संगठनों के नेताओं को कोविड-19 महामारी एवं सर्दी का हवाला देते हुए तीन दिसंबर की जगह आज यानी मंगलवार को बातचीत के लिए आमंत्रित किया।

केंद्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ उनका यह धरना मंगलवार को छठे दिन में प्रवेश कर गया। इन कानूनों के बारे में किसानों को आशंका है कि इससे न्यूनतम समर्थन मूल्य समाप्त हो जाएगा। किसानों के प्रदर्शन की वजह से सिंघु और टिकरी बाॅर्डर बंद है, वहीं गाजीपुर बॉर्डर पर ठोस बैरिकेडिंग की गई। सरकार ने किसानों के बैठक के लिए 3 बजे विज्ञान भवन में आमंत्रित किया है। इस बीच भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर आजाद दिल्ली में गाजीपुर-गाजियाबाद (दिल्ली-यूपी) सीमा पर किसानों के विरोध प्रदर्शन में शामिल हुए। आज इस बात को लेकर भी चर्चा रही कि चार दिन से गाजीपुर बाॅर्डर पर डेरा डाले है भाकियू प्रवक्ता राकेश टिकैत को वार्ता के लिए निमंत्रण नहीं मिला। केंद्र सरकार ने 32 किसान नेताओं को बुलाया इसमें भाकियू का नाम नहीं है।

इस बीच हरियाणा के निर्दलीय विधायक सोमबीर सांगवान ने मनोहर लाल खट्टर के नेतृत्व वाले हरयाणा सरकार से अपना समर्थन वापस ले लिया। उन्होंने कहा, किसानों पर किए गए अत्याचारों के मद्देनजर मैं वर्तमान सरकार को दिया अपना समर्थन वापस लेता हूं।

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