undefined

शशि थरूर के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव पेश, आईटी कमेटी के चेयरमैन पद से हटाने की मांग

दुबे ने कहा कि सदन के विशेषाधिकार का हनन हुआ है, क्योंकि बैठक में जिस मुद्दे पर चर्चा की जानी है वह पहले से ही अखबारों में छपा था, जो बैठकों के लिए निर्धारित-निर्देशों का उल्लंघन है।

शशि थरूर के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव पेश, आईटी कमेटी के चेयरमैन पद से हटाने की मांग
X

नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी द्वारा सूचना एवं तकनीक की पार्लियामेंट्री स्टैंडिंग कमेटी की बैठक का बहिष्कार करने के बाद अब बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने शशि थरूर को आईटी स्टैंडिग कमेटी के चेयरमैन पद से हटाने की मांग की है और इसके लिए उन्होंने एक विशेषाधिकार प्रस्ताव पेश किया है। साथ ही उन्होंने कहा है कि जब तक वह पद से नहीं हटाए जाते, तब तक वे बैठकों में शामिल नहीं होंगे।

निशिकांत दुबे ने नियम 222 का हवाला देते हुए कहा कि एक तरफ कांग्रेस विपक्षी दलों के लोग सदन नहीं चलने दे रहे हैं और दूसरी तरफ संसदीय समिति की बैठक हो रही है। उन्होंने आगे कहा कि विपक्ष इन मुद्दों पर न तो लोकसभा में और न ही राज्यसभा में चर्चा करने के लिए तैयार है, फिर भी समिति के प्रमुख (थरूर) उसी पर (बैठकों में) चर्चा करना चाहते हैं। दुबे ने कहा कि सदन के विशेषाधिकार का हनन हुआ है, क्योंकि बैठक में जिस मुद्दे पर चर्चा की जानी है वह पहले से ही अखबारों में छपा था, जो बैठकों के लिए निर्धारित-निर्देशों का उल्लंघन है। उन्होंने कहा कि हम भारत का संविधान के अनुच्छेद 94 के तहत उनके खिलाफ विशेषाधिकार प्रस्ताव ला सकते हैं। उन्होंने कहा कि शशि थरूर के खिलाफ प्रिविलेज मोशन प्रस्ताव पर 17 सदस्यों के सिग्नेचर हैं। भाजपा सांसद दुबे द्वारा स्पीकर को दिए गए विशेषाधिकार नोटिस में उन्होंने कहा है कि यह कहने की जरूरत नहीं है कि इस सज्जन (थरूर) ने न केवल एक प्रतिष्ठित समिति के लोकतांत्रिक कामकाज का चीरहरण किया है, बल्कि अपने राजनीतिक स्वामी के प्रति एक उच्च स्तर की चाटुकारिता का भी प्रदर्शन किया है।

Next Story