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परेशान हरीश रावत ने पंजाब प्रभारी पद सेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेे की तौबा

पंजाब के अलावा सीएम भूपेश बघेल के शासन वाले छत्तीसगढ़ में सियासी उठा पटक तेज हो गई है। राज्य में टीएस सिंह देव ने ढाई-ढाई साल मुख्यमंत्री का मुद्दा उठा दिया है।

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नई दिल्ली। पंजाब की उठापटक से परेशान हरीश रावत ने शनिवार का कांग्रेस नेता राहुल गांधी से मुलाकात की है। कहा जा रहा है कि पंजाब में सियासी संकट के बीच रावत उत्तराखंड में अगले साल होने वाले चुनाव को लेकर भी परेशान हैं।

रावत ने शुक्रवार को ही पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात कर पद से मुक्त किए जाने की मांग की थी। उन्होंने कहा था किमैं निश्चित तौर पर समय निकालूंगा। पार्टी हाई कमान मुझे जो भी जिम्मेदारी देगी मैं उसे पूरा करूंगा। सूत्रों को मुताबिक, उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री रावत राज्य में कांग्रेस प्रचार समिति के अध्यक्ष भी हैं। उन्होंने राहुल गांधी को बताया है कि वे पहाड़ी राज्य में होने वाले चुनाव पर ध्यान लगाना चाहते हैं। जब पत्रकारों ने रावत से पूछा कि क्या वे कांग्रेस के पंजाब मामलों के प्रभारी पद से मुक्त होना चाहते हैं, तो उन्होंने सकारात्मक जवाब दिया था। हालांकि, उन्होंने कहा था, 'अगर मेरी पार्टी जारी रखने के लिए कहेगी, तो मैं वैसा ही करूंगा।' पंजाब में सत्ता में बने रहने के प्रयास कर रही कांग्रेस पहाड़ी राज्य उत्तराखंड में सत्ता पर काबिज भारतीय जनता पार्टी को हटाकर शासन में वापसी करना चाहती हैं।

पंजाब में मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह और नए प्रदेश अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू के बीच अभी भी तनाव जारी है। दिल्ली में पार्टी आला कमान के साथ बैठक कर रहे रावत ने हाल ही में कहा था कि पंजाब विधानसभा चुनाव अमरिंदर सिंह के ही नेतृत्व में लड़े जाएंगे। साथ ही उन्होंने कहा था कि कैप्टन के नेतृत्व वाली सरकार को पंजाब में कोई खतरा नहीं है। राज्य में विपक्ष ने सीएम सिंह को बहुमत साबित करने की चुनौती दी है। पंजाब के अलावा सीएम भूपेश बघेल के शासन वाले छत्तीसगढ़ में सियासी उठा पटक तेज हो गई है। राज्य में टीएस सिंह देव ने ढाई-ढाई साल मुख्यमंत्री का मुद्दा उठा दिया है।

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