undefined

भाकियू ने किया रोहाना टोल प्लाजा पर कब्जा

कृषि कानूनों के खिलाफ सरकार के रवैये को लेकर जताया रोष, टोल फ्री कराकर दिया धरना। सैंकड़ों वाहनों का काफिला लेकर किसानों के साथ किया घेराव, एसडीएम को धूप में ही सड़क पर बैठाया

भाकियू ने किया रोहाना टोल प्लाजा पर कब्जा
X

मुजफ्फरनगर। तीन कृषि कानूनों को लेकर चल रहे आंदोलन में केन्द्र सरकार द्वारा किसान संगठनों की मांगों के प्रति गंभीरता नहीं दिखाये जाने के बाद आज भारतीय किसान यूनियन ने बड़ा आंदोलन किया। आज सवेरे सैंकड़ों वाहनों का काफिला लेकर भाकियू नेता हजारों किसानों के साथ रोहाना टोल प्लाजा पर पहुंचे और टोल फ्री कराकर वहीं पर धरना शुरू कर दिया। टोल पर भाकियू के कब्जे की खबर मिलते ही पुलिस प्रशासन में हड़कम्प मच गया।


मंगलवार को भारतीय किसान यूनियन के शीर्ष नेतृत्व के आह्नान पर किसानों ने रोहाना टोल प्लाजा का घेराव किया। भाकियू के मण्डल महासचिव राजू अहलावत और प्रदेश महासचिव जहीर फारूकी के नेतृत्व में सैंकड़ों ट्रैक्टर और करीब 200 कारों के साथ किसान और भाकियू कार्यकर्ता रोहाना टोल प्लाजा पर पहुंचे और पूरी तरह से टोल पर कब्जा जमा लिया। किसानों ने वहां पर टैंट भी लगा लिये थे। कब्जा करने के उपरांत टोल को फ्री कर दिया गया। बता दें कि 26 मई से केन्द्र सरकार के खिलाफ किसान आंदोलन के समर्थन में भाकियू कार्यकर्ताओं द्वारा रोहाना टोल प्लाजा पर अनिश्चितकालीन धरना दिया जा रहा है। भाकियू कार्यकर्ताओं ने टोल की दो लाइन बिल्कुल बन्द कर रखी है।


आज यहां पर पूरी तरह से कब्जा कर लिया गया। टोल पर कब्जा होने की सूचना मिलने पर पुलिस प्रशासन में हड़कम्प मच गया। एसडीएम सदर दीपक कुमार, डीएसओ बीके शुक्ला, सीओ सिटी कुलदीप कुमार, शहर कोतवाली प्रभारी योगेश शर्मा फोर्स के साथ मौके पर पहुंचे। राजू अहलावत और अन्य भाकियू पदाधिकारी सड़क पर ही धूप में धरने पर बैठे थे। यहां एसडीएम सदर और डीएसओ ने उनसे वार्ता शुरू की, तो डीएसओ को भी सड़क पर ही बैठा लिया गया। इसके बाद एसडीएम सदर दीपक कुमार को भी हाथ खींचकर राजू अहलावत ने सड़क पर धरने पर ही बैठा लिया। काफी देर तक वार्ता के बाद भी कोई हल नहीं निकला। भाकियू ने देश में एमएसपी की गारंटी के लिए कानून बनाने, भूमि अधिग्रहण का किसानों को बाजार रेट पर मुआवजा दिलाने, रिश्वत खोरी को बन्द कराने, रोहाना टोल प्लाजा पर टोल क्षेत्र के गांवों के लोगों के लिए आवागमन फ्री कराने सहित अन्य समस्याओं को रखते हुए निस्तारण की मांग की।


राजू अहलावत ने कहा कि केन्द्र पर गूंगी और बहरी सरकार है। इस सरकार को किसान आंदोलन के लिए महीनों से सड़कों पर अपने खेत खलिहान और घर व परिवार को छोड़कर पड़े किसानों का दुख दर्द और उनकी मौत दिखाई ही नहीं दे रही है। उन्होंने कहा कि सरकार ये न समझे कि अनदेखी करते हुए किसानों के इस आंदोलन को खत्म कर दिया जायेगा। किसान आखिरी सांस तक लड़ेगा। उन्होंने कहा कि यह आंदोलन फसल के साथ ही किसानों की नस्लों को बचाने के लिए है, इसमें हर लड़ाई लड़ी जायेगी, चाहे कितनी कुर्बानी क्यों न देनी पड़े। उन्होंने कहा कि किसानों के लिए केन्द्र सरकार के तीनों कृषि कानून फांसी का फंदा साबित होंगे। जब तक ये कानून रद्द नहीं किये जाते तब तक किसानों का आंदोलन जारी रहेगा।

Next Story