दो डीएम के फेर में फंसा हाईकोर्ट के आदेश का पालन
कानपुर देहात के डीएम ने हाईकोर्ट के आदेश का पालन नहीं किया तो अदालत ने नाराजगी जताते हुए फरमान सुनाया कि डीएम आदेश का पालन करें या पूर्व डीएम के साथ हाजिर हों, शिक्षामित्र को कार्यभार न सौंपने पर हाईकोर्ट ने नाराजगी जताई है।
प्रयागराज। डीएम ने एक शिक्षा मित्र को शिक्षा समिति के प्रस्ताव के बगैर हटा दिया था। इस मामले में अर्चना मिश्रा ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की तो हाईकोर्ट ने डीएम के आदेश को निरस्त कर दिया। इसी बीच उनका तबादला हो गया और नये जिलाधिकारी आ गये। उन्होंने हाईकोर्ट के आदेश को न मानकर शिक्षा मित्र को बहाल नहीं किया। दो डीएम के फेर में हाईकोर्ट के आदेश की अवहेलना हुई तो न्यायाधीश नाराज हुए और डीएम को तलब कर लिया।
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कानपुर देहात के डीएम जितेन्द्र प्रताप सिंह को आदेश के पालन के लिए एक सप्ताह का समय दिया है और अनुपालन न करने पर पूर्व जिलाधिकारी डॉ दिनेश चंद्र के साथ 25 मार्च को हाजिर होने का निर्देश दिया है। यह आदेश न्यायमूर्ति वीके बिड़ला ने अर्चना मिश्रा की अवमानना याचिका पर दिया है। मामले के तथ्यों के अनुसार कानपुर देहात के जिलाधिकारी ने शिक्षामित्र याची अर्चना मिश्रा को शिक्षा समिति के प्रस्ताव के बगैर हटा दिया था। अचर्ना मिश्रा इसके खिलाफ हाईकोर्ट गई, तो सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने डीएम के इस आदेश को रद्द कर दिया। इसके साथ ही अर्चना शर्मा बहाल हो गयी, लेकिन फिर भी याची को कार्यभार नहीं सौंपा गया। इस मामले में अर्चना मिश्रा ने फिर कोर्ट का दरवाजा खटखटाया तो हाईकोर्ट ने कड़ी नाराजगी जताई।
आदेश का पालन न करने पर दाखिल हुई अवमानना याचिका को निस्तारित करते हुए कोर्ट ने आदेश पालन के लिए दो माह का समय दिया। इसके बाद भी आदेश का पालन नहीं किया गया तो दोबारा यह अवमानना याचिका दाखिल हुई। कोर्ट ने डीएम को आदेश का पालन करने या हाजिर होने का आदेश दिया तो कहा गया कि उनका तबादला हो गया है। इस पर कोर्ट ने कहा कि तबादला होने के आधार पर कोर्ट के आदेश की अवहेलना का अधिकार नहीं मिल जाता। साथ ही नए जिलाधिकारी को पक्षकार बनाते हुए आदेश पालन के लिए एक सप्ताह का समय दिया है।