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राम मंदिर आंदोलन-हिंदूवादी संगठनों ने आतिशबाजी कर मनाया विजय दिवस

भगवान श्रीराम की आरती कर शहीद कारसेवकों को किया याद, जय श्रीराम के लगाये नारे

राम मंदिर आंदोलन-हिंदूवादी संगठनों ने आतिशबाजी कर मनाया विजय दिवस
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मुजफ्फरनगर। अयोध्या की बाबरी मस्जिद को शहीद किये जाने की बरसी पर आज बुधवार को हिंदूवादी संगठनों के कार्यकर्ताओं ने अलग अलग ढंग से विजय दिवस मनाया और अयोध्या कांड में कारसेवकों के बलिदान को याद करते हुए भगवान श्रीराम की आरती कर जय श्रीराम का जयघोष किया।

आज जनपद मुजफ्फरनगर में अखिल भारत हिंदू महासभा के द्वारा नई मंडी में विजय शौर्य दिवस मनाते हुए भगवान श्री राम की महा आरती और मिष्ठान वितरित किया। पूजन एवं महारती पंडित रामानुज दुबे एवं पंडित पुरानचंद शास्त्री मथुरा वालों के द्वारा विधि विधान से कराया गया। विजय दिवस आयोजन में हिंदूवादी संगठन के कार्यकर्ताओं ने शौर्य प्रदर्शन किया। इस अवसर पर सुरेंद्र मित्तल, जिला प्रभारी योगेश शर्मा, चमन लाल कुकी, अतुल गर्ग टीटू, संजय एसी, राजकुमार गोयल, हिंदू महासभा के जिला महामंत्री सचिन शर्मा, प्रचार मंत्री नमन कुच्छल, दीपक कश्यप, सोनू धीमान, सचिन मित्तल, देव भारद्वाज, अमन कुच्छल, दीपक शर्मा आदि ने भाग लिया। सुरेंद्र मित्तल ने कहा कि जिस प्रकार अयोध्या में भव्य श्री राम का मंदिर निर्माण हो रहा है इस प्रकार मथुरा और काशी में भी भूमि को भी मुक्त कराकर भव्य मंदिर बनाया जाएगा।


दूसरी ओर शिवसेना कार्यकर्ताओं ने भी विजय दिवस मनाते हुए झांसी रानी पार्क के पास आतिशबाजी की। जिला प्रमुख मुकेश त्यागी और युवा जिलाध्यक्ष जितेन्द्र गोस्वामी के नेतृत्व में शौर्य प्रदर्शन के बाद शिवसेना की ओर से प्रधानमंत्री के नाम एक ज्ञापन सौंपा गया। इसमें शिवसेना की ओर से कहा गया कि अयोध्या के राम मंदिर आंदोलन के दौरान शहीद हुए कारसेवकों और उनके परिजनों को समुचित सम्मान दिया जाना चाहिए। 06 दिसम्बर 1992 को लाखों कारसेवकों ने इस आंदोलन में प्रतिभाग किया और सैंकड़ों लोगों ने अपने जीवन का बलिदान दिया था। आज यह हर्ष का विषय है कि आस्था का प्रतीक श्रीराम का भव्य मंदिर निर्माण का कार्य अयोध्य में हो रहा है। इस खुशी के अवसर पर अफसोस इस बात को लेकर है कि इस आंदोलन के बलिदानियों और उनके परिजनों को भुला दिया गया है। आज 6 दिसम्बर को शौर्य दिवस बनाने पर भी जिला प्रशासन अड़चन लगाता है, जिससे समाज आहत है। शिवसेना ने मांग करते हुए कहा कि आंदोलन में शहीद हुए कारसेवकों के परिजनों को एक करोड़ रुपये मुआवजा, परिजनों को सरकारी नौकरी और राम जन्मभूमि मंदिर परिसर में इनका शहीद स्मारक बनाया जाये। इसके साथ ही आंदोलन में जेल जाने वाले कारसेवकों को पेंशन देने और 06 दिसम्बर को राष्ट्रीय शौर्य दिवस घोषित करने की मांग की गयी है।

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