कोरोना के कारण रमजान में इस बार भी लगी ये पाबंदी
उत्तर प्रदेश में बढ़ रहे कोरोना वायरस संक्रमण को देखते हुए इस बार भी रमजान महीने में सख्त प्रशासनिक पाबंदियों का दौर बन सकता है। मस्जिद में एक बार में 100 से ज्यादा लोगों की एंट्री बैन हो सकती है। क्योंकि राज्य सरकार ने नये नियम जारी कर दिये हैं।

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में बढ़ रहे कोरोना वायरस संक्रमण को देखते हुए इस बार भी रमजान महीने में सख्त प्रशासनिक पाबंदियों का दौर बन सकता है। संभवतः मंगलवार से शुरू होने जा रहे पवित्र रमजान माह को लेकर मुस्लिमों में तैयारी चल रही हैं। रात को मस्जिदों में तरावीह की विशेष नमाज के लिए भी तैयारी पूरी की जा चुकी हैं, लेकिन कोरोना संक्रमण के कारण जिलों में लग रहे नाइट कफ्र्यू के कारण इन तैयारियों को झटका लगा सकता है।
उत्तर प्रदेश में कोरोना संक्रमण ने इस साल सारे रिकार्ड तोड़ दिए हैं। उधर, शुक्रवार को लखनऊ में रमजान और कोरोना को लेकर मौलाना खालिद रशीद फिरंगी महली ने बयान जारी किया हैं। उन्होंने कहा है कि 12 अप्रैल को रमजान का चांद देखा जाएगा। अगर 12 अप्रैल को चांद नहीं दिखा तो 14 अप्रैल 2021 को पहला रोजा होगा। मौलाना ने रमजान में कोरोना नियमों का पालन करने की अपील भी की है। खालिद रशीद ने कहा कि कोविड संक्रमण देखते हुए किसी भी मस्जिद में एक वक्त में 100 से ज्यादा लोग इकट्ठा न हो। मस्जिदों में मास्क, सेनिटाइजेशन और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें। इफ्तार में भी एक वक्त में 100 से ज्यादा लोग इकट्ठा न हो। मौलाना ने आगे कहा कि सेहरी के दौरान जगाने के लिए लाउडस्पीकर का इस्तेमाल न करें। वहीं कोरोना प्रोटोकाल का सभी लोग कड़ाई से पालन करें।
फिरंगी महली ने कहा कि नाइट कर्फ्यू का ध्यान रखते हुए अव्वल वक्त में नमाज-ए-ईशा पढ़ाई जाए। इसके बाद तरावीह की नमाज पढ़ाई जाए। उन्होंने यह भी कहा कि किसी भी मस्जिद में डेढ़ पारे से ज्यादा न पढ़ा जाए। बता दें कि रमजान की शुरूआत चांद देखने के बाद होती है। सऊदी अरब और अन्य मुस्लिम देश चांद दिखने के बाद ही रमजान की सही तिथि की घोषणा करते हैं। चांद दिखने के हिसाब से रमजान का महीना कभी 29 तो कभी 30 दिन का होता है।