वोडाफोन ने भारत सरकार से जीती बाजी

Update: 2020-09-25 16:08 GMT

नई दिल्ली। भारत सरकार के साथ टेलिकॉम सर्विस प्रोवाइडर वोडाफोन ग्रुप पीएलसी ने 2 अरब डॉलर के कर विवाद मामले में अंतररराष्ट्रीय पंचाट में मामला जीत लिया है। सूत्रों ने कि द हेग में स्थित अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता पंचाट ने कहा कि भारत सरकार का वोडाफोन पर कर देनदारी से साथ-साथ ब्याज और पेनाल्टी लगाना भारत और नीदरलैंड्स के बीच इनवेस्टमेंट ट्रीटी एग्रीमेंट का उल्लंघन है। ट्रिब्यूनल ने अपने फैसले में कहा कि भारत सरकार को वोडाफोन से बकाए की मांग मांगना बंद करना चाहिए और कानूनी लड़ाई लड़ने में हुए खर्च के आंशिक मुआवजे के तौर पर कंपनी को 54.7 लाख डॉलर का भुगतान करना चाहिए। इस बारे में वोडाफोन और भारत के वित्त मंत्रालय ने तुरंत कोई प्रतिक्रिया नहीं जताई।

वोडाफोन ने 2007 में Hutchison Whampoa के भारत में मोबाइल कारोबार का अधिग्रहण किया था। वहीं से इस पूरे विवाद की शुरुआत हुई। सरकार का कहना था कि वोडाफोन को इसके लिए कर चुकाना होगा लेकिन कंपनी ने इसका विरोध किया। वर्ष 2012 में सुप्रीम कोर्ट ने वोडाफोन के पक्ष में फैसला दिया लेकिन उसी साल सरकार ने नियमों बदलाव कर दिया। इससे सरकार को पहले हो चुकी डील पर करार लगाने का अधिकार मिल गया। अप्रैल 2014 में वोडाफोन भारत के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय पंचाट में मामले की कार्यवाही शुरू की।

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