दिल्ली में मात्र 25 गज के घर से निकली सबसे युवा पार्षद शिवानी

हाल ही में हुए दिल्ली नगर निगम चुनाव में एमसीडी को 24 वर्षीया शिवानी पांचाल के रूप में सबसे कम उम्र की निगम पार्षद मिली हैं।;

Update: 2022-12-09 07:02 GMT

नई दिल्ली। हाल ही में हुए दिल्ली नगर निगम चुनाव में एमसीडी को 24 वर्षीया शिवानी पांचाल के रूप में सबसे कम उम्र की निगम पार्षद मिली हैं। सिविल सर्विस की तैयारी कर रहीं शिवानी ने आम आदमी पार्टी के पार्षद के रूप में अब अगले पांच साल तक इलाके के लोगों के बीच रहकर उनकी सेवा करने का मन बनाया है। उनका कहना है कि सिविल सर्विस में देश की सेवा करनी थी, लेकिन अब इलाके के लोगों ने उनके ऊपर भरोसा कर उन्हें चुनाव जिताकर निगम में पहुंचाया है तो अब वह उनके लिए काम करना चाहती हैं। उन्होंने रोहताश नगर वॉर्ड से बीजेपी की पूर्व निगम पार्षद सुमन लता नागर को 272 वोटों से हराया है। शिवानी मूल रूप से यूपी के बागपत जिले के चित्रौदा गांव की रहने वाली हैं। वह परिवार के साथ चंद्रलोक, दुर्गापुरी में 25 गज के मकान में रहती हैं। शिवानी का जीवन काफी संघर्षशील रहा है। पिता साहब सिंह पांचाल दुर्गापुरी में वेल्डिंग का काम करते थे। कोरोना काल में उनका काम बंद हो गया। इसी दौरान उन्हें कैंसर भी हो गया और इसी साल 22 अप्रैल को उनकी मौत हो गई। मां मुकेश देवी गृहिणी हैं। घर में कमाने वाले पिता ही थे। इस बीच बड़ी बहन दिग्या ने डॉक्टरी की पढ़ाई पूरी कर ली। दो छोटे भाई )षभ और )तिक भी कॉलेज में हैं। शिवानी ने बताया कि अपनी पढ़ाई के साथ घर चलाने में सहयोग के लिए उन्होंने पिछले कुछ समय से ट्यूशन पढ़ाना शुरू किया हुआ है। वह होम ट्यूशन देती हैं। आम आदमी पार्टी से कब और कैसे जुड़ीं? इसके जवाब में उन्होंने बताया कि उनके चाचा पहले से पार्टी से जुड़े हुए हैं। करीब तीन साल पहले उन्होंने ही उन्हें पार्टी से जोड़ा था। तभी से वह बतौर पार्टी वर्कर के रूप में एक्टिव हैं। फिलहाल शिवानी रोहिणी स्थित दिल्ली टेक्निकल यूनिवर्सिटी ;डीटीयूद्ध से एमएससी मैथ्य फर्स्ट ईयर की स्टूडेंट हैं। पढ़ाई के साथ-साथ राजनीति कैसे कर पाएंगी? इस पर शिवानी ने कहा कि स्कूलिंग से लेकर यहां तक की पढ़ाई के दौरान उन्हें टाइम मैनेजमेंट करना अच्छी तरह से आ गया है। इसलिए राजनीति करते हुए अपनी आगे की पढ़ाई पूरी करने में किसी तरह की दिक्कत नहीं आएगी। उन्होंने कहा कि वह अरविंद केजरीवाल से बहुत अधिक प्रभावित हैं। दिल्ली सरकार में उनके मॉडल को ही एमसीडी में लागू करने के लिए अपनी जी जान लगा दूंगी। 

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