राहुल गांधी की बैठक में नहीं पहुंचे बसपा और आप पार्टी के नेता

नाश्ता पार्टी के बाद विपक्षी नेता साइकिलों से ही संसद भवन के लिए रवाना हो गए। राहुल की बैठक में शिवसेना, एनसीपी, आरजेडी और सीपीआई समेत कई नेताओं ने भाग लिया।

Update: 2021-08-03 06:18 GMT

नई दिल्ली। विपक्ष को भाजपा और एनडीए के खिलाफ एकजुट करने के लिए कांग्रेस नेता राहुल गांधी की नाश्ता पार्टी के बाद विपक्षी नेता साइकिलों से ही संसद भवन के लिए रवाना हो गए। राहुल की बैठक में शिवसेना, एनसीपी, आरजेडी और सीपीआई समेत कई नेताओं ने भाग लिया। बैठक के बाद एक साथ ही ये नेता सरकार की नाकामियों की तख्ती लिए संसद के लिए निकल गए।

अपने आवास पर आयोजित मीटिंग के दौरान राहुल गांधी ने विपक्षी नेताओं से एनडीए की मोदी सरकार के खिलाफ एकजुट रहने की अपील की। उन्होंने कहा कि यदि हम लोग विपक्ष के तौर पर एकजुट रहेंगे तो फिर आरएसएस और बीजेपी हम लोगों की आवाज को दबा नहीं सकेंगे। राहुल गांधी ने कहा कि हमें इस लोगों की आवाज को एकजुट करना होगा, ये आवाज जितनी एकजुट होगी उतनी ही मजबूत होगी। तभी भाजपा और आरएसएस के लिए इस आवाज को दबाना उतना ही मुश्किल होगा। यह पहला मौका था, जब राहुल गांधी ने इस तरह से समूचे विपक्ष को एकजुट करने का प्रयास किया। उन्होंने विपक्षी दलों के नेताओं को कांस्टीट्यूशन क्लब में नाश्ते पर आमंत्रित किया। राहुल की बैठक में महाराष्ट्र से शिवसेना और एनसीपी, समाजवादी पार्टी, सीपीआई, सीपीआईएम, जेएमएम समेत कई अन्य दल शामिल रहे। हालांकि दिल्ली की सत्ता पर काबिज आम आदमी पार्टी और मायावती की बीएसपी ने इस मीटिंग से दूरी बनाए रखी। इन दोनों दलों की ओर से मीटिंग में हिस्सा लेने या न लेने को लेकर कोई प्रतिक्रिया भी सामने नहीं आई है।

आमतौर पर यूपीए और उससे इतर विपक्षी दलों की एकजुटता के लिए सोनिया गांधी ही अब तक प्रयास करती रही हैं, लेकिन अब राहुल गांधी का इस दिशा में कदम उठाना बताता है कि वे ड्राइविंग सीट पर आ चुके हैैं। विपक्षी दलों की मीटिंग के बाद राहुल गांधी ने साइकिल मार्च की भी अगुवाई की और गैस एवं पेट्रोल-डीजल के खिलाफ प्रतीकात्मक विरोध प्रदर्शन दर्ज कराया। राहुल गांधी की हाल ही में टीएमसी चीफ ममता बनर्जी से मुलाकात के दौरान भी संयुक्त मोर्चे पर चर्चा हुई थी।

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