चीन ने बढाए दाम, महंगी हो सकती हैं भारत में दवाइयां

भारत बहुत बड़े पैमाने पर मेडिसिन का उत्पादन करता है, लेकिन इसके लिए जरूरी उत्पाद कच्चे माल का आयात चीन से किया जाता है।

Update: 2020-09-22 07:24 GMT

नई दिल्ली। भारत और चीन के बीच चल रहे तनाव की वजह से अब भारत में कुछ जरूरी दवाइयां पंद्रह प्रतिशत तक महंगी होने वाली हैं। भारत बहुत बड़े पैमाने पर मेडिसिन का उत्पादन करता है, लेकिन इसके लिए जरूरी उत्पाद कच्चे माल का आयात चीन से किया जाता है।

बता दें कि चीन ने की स्टार्टिंग मटीरियल की कीमत 10-20 फीसदी बढ़ा दी हैं। इसका सीधा असर भारत में दवा की कीमतों पर दिखाई दे सकता है। अगले एक से दो महीने के भीतर जब केएसएम की नई खेप आएगी तो उसकी कीमत ज्यादा होगी, जिसके कारण मैन्युफैक्चरिंग काॅस्ट बढ़ जाएगी और दवा की कीमत भी बढ़ानी पड़ेगी। भारत एपीआई का बड़े पैमाने पर आयात करता रहा है। एपीआई को बेसिक फार्म इंग्रीडिएंट कहते हैं। इसकी मदद से दवा तैयार होती है। एपीआई की कीमत अब प्री-कोविड लेवल पर पहुंच चुकी है। भारत जरूरत का 70-80 फीसदी चीन से आयात करता है। केसीएम की मदद से भारतीय कंपनियां एंटीबाॅडी तैयार मेडिसिन तैयार करती हैं। इसकी कीमत में तेजी के कारण दवा की कीमत में भी तेजी आएगी। इसकी कीमत में 15 फीसदी तक की तेजी आई है।

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