इन्फ्लुएंजा का टीका कोरोना की तीसरी लहर से बच्चों को बचाएगा
जब बुखार, नाक बंद और अन्य सर्दी जैसे लक्षण बढ़ जाते हैं, तब बच्चे इन्फ्लुएंजा के अधिक खतरनाक क्षेत्र में जा सकते हैं, जिसे फ्लू भी कहा जाता है। इन्फ्लुएंजा या फ्लू एक अत्यंत संक्रामक वायरल संक्रमण है जो एक बच्चे के वायुमार्ग और फेफड़ों को प्रभावित कर सकता है;
नई दिल्ली। देश में कोरोना की तीसरी लहर और इससे बच्चों के प्रभावित होने की आशंका के बीच इससे बचने के लिए स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने सभी बच्चों को इन्फ्लुएंजा टीका लगाने की सिफारिश की हैं। इन्फ्लुएंजा या फ्लू और कोविड-19 के लक्षण अतिव्यापी होने के कारण विशेषज्ञों का मानना है कि फ्लू शाॅट बच्चों की रक्षा करने और माता-पिता के बीच की घबराहट को दूर करने में मदद करेगा।
आम तौर पर बच्चों के लिए बहती नाक और खांसी से निपटना आज हमारे जीवन का एक अभिन्न अंग बन गया है। हालांकि, जब बुखार, नाक बंद और अन्य सर्दी जैसे लक्षण बढ़ जाते हैं, तब बच्चे इन्फ्लुएंजा के अधिक खतरनाक क्षेत्र में जा सकते हैं, जिसे फ्लू भी कहा जाता है। इन्फ्लुएंजा या फ्लू एक अत्यंत संक्रामक वायरल संक्रमण है जो एक बच्चे के वायुमार्ग और फेफड़ों को प्रभावित कर सकता है और वर्ष के दौरान सामने आने वाली सबसे आम सांस की बीमारियों में से एक है। जाॅन हाॅपकिंस द्वारा किए गए शोध से पता चलता है कि जहां अधिकांश बच्चे एक सप्ताह के भीतर बेहतर महसूस करते हैं। वहीं, अन्य को अधिक गंभीर संक्रमण हो सकता है, जिसके लिए अस्पताल में देखभाल की आवश्यकता हो सकती है और इससे फेफड़ों में संक्रमण (निमोनिया) हो सकता है जिससे मृत्यु भी हो सकती है। अध्ययनों से पता चलता है कि अकेले भारत में इन्फ्लुएंजा या फ्लू हर साल 5 साल से कम उम्र के लगभग 1 लाख बच्चे अस्पताल में भर्ती होते हैं। ऐसे व्यक्तियों का विशेष समूह हैं जिन्हें बीमारी होने का अधिक खतरा होता है, जिसमें 6 महीने से लेकर 5 वर्ष की आयु के बच्चे, गर्भवती महिलाएं, 65 वर्ष और उससे अधिक उम्र के बुजुर्ग, स्वास्थ्य कार्यकर्ता और मधुमेह, अस्थमा, कैंसर, इम्यूनोसप्रेशन आदि जैसी बीमारी वाले व्यक्ति शामिल हैं, जिन्हें चिकित्सा की ज्यादा जरूरत होती है।वायरस मुख्य रूप से इन्फ्लुएंजाध्फ्लू से पीड़ित लोगों के खांसने, छींकने या बात करने पर निकलने वाली बूंदों से फैलता है। इसलिए, संक्रमित व्यक्ति के करीब रहने से संक्रमण होने का खतरा बढ़ जाता है। हवा में छोड़ी गई बूंदें लगभग 6 फीट दूर तक फैल सकती हैं और आसपास के अन्य लोगों तक पहुंच सकती हैं। छोटे बच्चों या कमजोर प्रतिरक्षा वाले लोगों में लंबे समय तक संक्रमण संचरण का समय हो सकता है इसलिए वे लंबे समय तक दूसरों को संक्रमित करने में सक्षम हो सकते हैं।
बीमारी के इलाज के लिए कई एंटीवायरल (एंटी इन्फ्लुएंजा) दवाएं हैं, जिनसे बीमारी को रोकना एक प्रमुख प्राथमिकता होनी चाहिए। सरल और प्रभावी निवारक उपाय करने से संक्रमण के प्रसार को रोकने में मदद मिल सकती है। इससे बचने के लिए बच्चों को खांसते या छींकते समय मुंह और नाक ढकना सिखाएं। हाथों को अच्छी तरह और नियमित रूप से धोएं जब पानी आसानी से उपलब्ध न हो तो सैनिटाइजर का इस्तेमाल भी प्रभावी साबित हो सकता है। सुरक्षित दूरी बनाए रखें और संक्रमित लोगों के सीधे संपर्क से बचें। विशेष रूप से सार्वजनिक स्थानों पर मास्क पहनें। वार्षिक इन्फ्लुएंजा टीकाकरण कराएं। इन्फ्लुएंजा टीकाकरण कराएं।