कोरोना काल में लोन मोरेटोरियम का लाभ लेने पर नहीं भरना होगा ब्याज!

सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर जारी मोरेटोरियम सुविधा के खत्म होने के बाद कर्जदारों को बैंकों की तरफ से ईएमआई के भुगतान के बारे में मैसेज, फोन काॅल और ई-मेल आने लगे हैं।

Update: 2020-09-12 06:53 GMT

नई दिल्ली। कोरोना काल में लाॅकडाउन के चलते लाखों लोगों की नौकरी जाने और रोजगार के साधन बंद होने व कंपनियों द्वारा अपने कर्मचारियों की सैलरी में कटौती के चलते तमाम लोग पहले बैंकों से लिए गए कर्ज की किस्त चुकाने की स्थिति में नहीं हैं। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर जारी मोरेटोरियम सुविधा के खत्म होने के बाद कर्जदारों को बैंकों की तरफ से ईएमआई के भुगतान के बारे में मैसेज, फोन काॅल और ई-मेल आने लगे हैं।

अब सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की गंभीरता को समझते हुए सरकार को इस बारे में ठोस उपाय करने को कहा है। इसके चलते सरकार ने पूर्व सीएजी राजीव महर्षि की अगुवाई में तीन सदस्यीय एक एक्सपर्ट कमेटी का गठित की है। समिति इस मामले के सभी पहलुओं का अध्ययन करने के बाद अपनी रिपोर्ट देगी। इनमें कर्जदारों को ब्याज से राहत देना शामिल है। वित्त मंत्रालय के अनुसार उक्त समिति एक हफ्ते में अपनी रिपोर्ट दे देगी। भारतीय स्टेट बैंक द्वारा इस समिति को सेक्रेटेरियल फैसिलिटीज दी जाएगी। बैंकों और दूसरे संबंधित पक्षों से भी व्यापक विचार विमर्श करने के बाद समिति अपनी रिपोर्ट देगी।

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