देवल गुरूद्वारा खत्म करने की हो रही साजिशः राकेश टिकैत

भाकियू प्रवक्ता ने एनएचएआई और प्रशासन पर लगाया आरोप, कहा-सिसौली में होगा बड़े आंदोलन का निर्णय;

Update: 2025-05-12 11:31 GMT

मुजफ्फरनगर। जानसठ तहसील के गांव देवल से गुजर रहे मेरठ-बिजनौर हाईवे के नवनिर्माण को लेकर हाईवे पर स्थित बाबा भूरी वाला गुरूद्वारा की भूमि अधिग्रहित करने के साथ ही सड़क को गुरूद्वारा साइड तक बढ़ाये जाने और आवागमन बंद हो जाने को लेकर बने विवाद के बीच एक बार फिर से भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने प्रशासन और सरकार पर सिख समाज के तीर्थ को समाप्त करने की साजिश रचने के आरोप लगाते हुए समाधान नहीं होने पर बड़े अंादोलन की चेतावनी दी है। इसके लिए स्व. महेन्द्र सिंह टिकैत की पुण्यतिथि पर निर्णय लिया जायेगा।

भाकियू प्रवक्ता राकेश टिकैत ने मेरठ-बिजनौर हाईवे पर स्थित गांव देवल में बाबा भूरी वालों के गुरूद्वारा पर जाकर लोगों से मुलाकात की। इसका एक वीडियो उन्होंने सोशल साइट फेसबुक पर जारी किया है। इस वीडियो में वो निर्माणाधीन मेरठ-बिजनौर हाईवे पर गुरूद्वारा के सम्मुख खड़े नजर आ रहे हैं। इसमें उनके द्वारा कहा गया कि यह भूरी बाबा का गुरूद्वारा सिख समुदाय का प्रमुख तीर्थ स्थल में एक है। इस गुरूद्वारा के सामने पहले 40 मीटर पश्चिम की ओर सड़क थी। अब यहां पर एनएचएआई के द्वारा फोर लेन हाईवे निर्माण कराया जा रहा है। गुरूद्वारा के सामने ही सड़क को खूब घुमाया गया और पूरे गुरूद्वारे की भूमि को अधिगृहित कर दिया। उन्होंने आरोप लगाया कि सिख समुदाय की भावनाओं को ठेस पहुंचाया जा रहा है।

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कहा कि इस ऐतिहासिक गुरूद्वारा को खत्म करने के लिए प्रशासन ने एनएचएआई के अधिकारियों को साथ लेकर एक साजिश रची गई है। यहां पर हाईवे निर्माण को लेकर कई आपत्तियां हैं। इसके लिए पूर्व में हुई पंचायत में अधिकारियों ने जिन मुद्दों को लेकर सहमति और भरोसा दिया है, यदि वो पूरी नहीं की जाती है तो यहां पर सिख समुदाय के तीर्थ स्थल को बचाने के लिए भाकियू बड़ी पंचायत करेगी। इसके लिए 15 मई को किसान भवन सिसौली में स्व. महेन्द्र सिंह टिकैत की पुण्यतिथि पर आयोजित कार्यक्रम में एक मजबूत निर्णय लिया जायेगा। अधिकारी हमारी खामोशी को कमजोरी समझने की भूल न करे। गुरूद्वारा को बचाने के लिए जो भी होगा हम करेंगे। आज यहां पर भाकियू ने काम बंद कराया है और हम कार्यदायी संस्था तथा फर्म ठेकेदारों को भी चेतावनी देते हैं कि वो समाधान होने तक यहां पर कार्य को शुरू करने का काम न करें। गुरूद्वारा पर आज लंगर बंद हो चुका है। यहां पर समाधान के लिए व्यवस्था नहीं होने तक भाकियू काम शुरू नहीं करने देगी। समाधान के लिए या तो यहां पर पिलर वाला ओवरब्रिज बनाया जाये। यहां पर गुरूद्वारा के लिए बराबर में ही एएनएचआई या शासन प्रशासन भूमि उपलब्ध कराई जायेगी। इस तरह की हठधर्मी नहीं चलने दी जायेगी। इस उत्पीड़न के खिलाफ हमें फिर से आंदोलन करना पड़ेगा। इस दौरान गुरूद्वारा समिति के प्रबंधक बाबा जग्गा सिंह, सरदार सुब्बा सिंह व भाकियू के अन्य पदाधिकारी भी मौजूद रहे।

गाजीपुर बॉर्डर आंदोलन का बदला ले रही सरकार

मुजफ्फरनगर। देवल भूरी बाबा गुरूद्वारा पहुंचे भाकियू प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि यह गुरूद्वारा देश और समाज के लिए समर्पित रहा है। भूरी बाबा वही हैं, जिन्होंने गंगा पर बांध बनाने का काम किया। समाज को दान और लंगर सेवा की सीख देकर गये हैं। यही कारण है कि हर वर्ष इस गुरूद्वारा पर लाखों लोगों को लंगर छकाया जाता है। यहां पर सेवा ही धर्म का प्रचार होता है। यह गुरूद्वारा दूर-दूर तक प्रसि( है और एक तीर्थ के रूप में इसकी सिख समाज में मान्यता है। इसी भूरी बाबा गुरूद्वारा के जिम्मेदारों ने गाजीपुर बॉर्डर पर चले लंबे किसान आंदोलन के साथ ही अन्य किसान आंदोलनों में अपनी बड़ी भूमिका निभाई और आंदोलन के दिनों में लंगर सेवा प्रदान कर किसानों के लिए भोजन उपलब्ध कराकर भरपूर सहयोग प्रदान किया। राकेश टिकैत ने आरोप लगाया कि किसानों आंदोलन को समर्थन करने, सहयोग करने के कारण ही आज भूरी वाले बाबा गुरूद्वारा को खत्म करने की साजिश इस सरकार में रची जा रही है। ऐसी सभी संस्थाओं के खिलाफ सरकार का रवैया नकारात्मक बना है, जिनके द्वारा आंदोलन में किसान संगठनों का साथ दिया गया है, लेकिन हम भी संघर्ष करने के लिए तैयार हैं। 

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