गिरनार पर्वत पर पूजा के अधिकार से वंचित करने पर जैन समाज में आक्रोश
भारतीय जैन मिलन परिवार के पदाधिकारियों ने किया प्रदर्शन, गुजरात के मुख्यमंत्री के नाम सौंपा ज्ञापन;
मुजफ्फरनगर। जूनागढ़ स्थित गिरनार पर्वत की पांचवीं टोंक पर जैन समाज के लोगों को पूजा के अधिकार से वांछित रखने के निर्णय को लेकर समाज ने गुजरात सरकार के प्रति गहरा आक्रोश व्यक्त किया है। इसी को लेकर भारतीय जैन मिलन परिवार, मुज़फ्फरनगर के पदाधिकारियों ने समाज के लोगों के साथ मंगलवार को कलेक्ट्रेट स्थित डीएम कार्यालय पर प्रदर्शन किया और गुजरात के मुख्मयंत्री भूपेन्द्र पटेल के नाम एक ज्ञापन सिटी मजिस्ट्रेट पंकज प्रकाश राठौर को सौंपा गया।
भारतीय जैन मिलन परिवार क्षेत्र 4 के अध्यक्ष अरिंजय जैन और मंत्री अभिषेक जैन के नेतृत्व में जैन समाज के लोगों ने डीएम कार्यालय पहंुचकर गुजरात सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करते हुए पूजा के अधिकार से वंचित करने के आरोप लगाये। ज्ञापन में पदाधिकारियों की ओर से कहा गया कि भारत गणराज्य का संविधान सभी नागरिकों को उनके धर्म के पालन की स्वतंत्रता प्रदान करता है, इसमें किसी को भी रोकने का अधिकार नहीं देता है। लेकिन गत 2 जुलाई 2025 को गिरनार पर्वत की पांचवीं टोंक पर, जिस स्थान से जैन धर्म के 22 वें तीर्थंकर नेमीनाथ जी मोक्ष गए, देश भर से आए हजारों जैन धर्मावलंबियों को उनके पूजा के अधिकार से वंचित रखा गया। न ही भगवान का जयकारा बोलने दिया, न ही कोई द्रव्य आदि चढ़ाने दिया गया, न ही निर्वाण लड्डू चढ़ाने दिया गया।
कहा गया कि यहां पर पुलिस के द्वारा 10 से अधिक स्थानों पर चेकिंग की गई कि कोई भी चढ़ाने हेतु द्रव्य सामग्री ले जाने नहीं दी गई बल्कि छीन ली गई और महिलाओं के साथ भी अभद्रता की गई। जबकि, भारत सरकार के पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग तथा गुजरात राज्य गजेटियर, दोनों ने स्पष्ट रूप से यह प्रमाणित किया है कि गिरनार की पंचम टोंक मूलतः जैन तीर्थ है। यह केवल धार्मिक या ऐतिहासिक अपमान नहीं, बल्कि न्यायिक व्यवस्था के मुंह पर तमाचा है। कहा गया कि गुजरात उच्च न्यायालय ने 2005 में स्पष्ट आदेश दिया है कि पंचम टोंक पर कोई भी नया निर्माण न किया जाए। जैन समाज ने गुजरात सरकार से मांग करते हुए कहा कि गजेटियर के आदेश का पालन सुनिश्चित किया जाए और अवैध दत्तात्रेय की मूर्ति को हटाया जाए। गिरनार की पांचवीं टोंक को संरक्षित जैन राष्ट्रीय धरोहर घोषित किया जाए। आशा व्यक्त करते हुए कहा गया कि गुजरात सरकार जैन मतावलंबियों की धार्मिक भावनाओं का आदर करते हुए गिरनार पर्वत की पांचवीं टोंक पर जैनों को पूजा के अधिकार को बहाल करने का कार्य करेगी।