MUZAFFARNAGAR-पालिका लाइट खरीद में फंसे शिकायतकर्ता सभासद
हाईकोर्ट ने ब्लेकलिस्ट हुई फर्म की याचिका पर दिया आदेश, टैण्डर निरस्त करने के आदेश पर स्टे, सभासद देवेश कौशिक को नोटिस जारी करने के आदेश, 4 सप्ताह में मांगा जवाब, 7 अक्टूबर को होगी सुनवाई;
मुजफ्फरनगर। नगरपालिका परिषद् के पथ प्रकाश विभाग में एलईडी स्ट्रीट लाइट की खरीद को लेकर अब नया मोड़ आया है। पूर्व में एक भाजपा सभासद की फर्म के खिलाफ दी गई शिकायत के आधार पर हुई जांच के बाद टैण्डर निरस्त करने के साथ ही फर्म को ब्लेकलिस्ट करने के आदेश को हाईकोर्ट ने स्टे कर दिया है। इसके साथ ही शिकायत करने वाले सभासद को नोटिस जारी करते हुए जवाब मांगा गया है, वहीं अन्य सभी पक्षकारों को भी चार सप्ताह में शपथ पत्र दाखिल करने के लिए कहा गया है।
दरअसल, नगरपालिका परिषद् की ओर से एलईडी स्ट्रीट लाइट खरीदने के लिए टैण्डर निकाला था, जिसमें एसएस एंटरप्राइजेज की निविदा को स्वीकार किया गया था। फर्म को वर्क ऑर्डर जारी किया गया था और फर्म द्वारा पालिका को आपूर्ति के लिए एलईडी लाइटों की खरीद भी कर ली गई थी। इसी दौरान भाजपा सभासद देवेश कौशिक ने फर्म द्वारा आपूर्ति की जा रही एलईडी लाइटों को शर्तों के अनुरूप नहीं होने का दावा करते हुए जांच कराने की मांग कर अधिशासी अधिकारी को शिकायत की थी। इसके बाद जांच में सभासद की शिकायत को सही मानते हुए पालिका प्रशासन ने 16 दिसम्बर 2024 को फर्म को स्वीकृत टैण्डर निरस्त करते हुए आगामी निविदाओं में प्रतिभाग करने के लिए ब्लैकलिस्ट कर दिया था। इसके बाद दूसरी निविदा में श्री गुरूकृपा फर्म का चयन 28 मार्च 2025 को एलईडी लाइट आपूर्ति के लिए किया गया, लेकिन वो भी जांच के फेर में अधर में लटका हुआ है।
इसके खिलाफ एसएस एंटरप्राइजेज की ओर से पालिका प्रशासन के आदेश के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका संख्या 27012/2025 दायर चुनौती दी थी। फर्म के अधिवक्ता की ओर से कोर्ट में तर्क दिया गया कि निविदा की शर्तों के अनुसार, उनके द्वारा आपूर्ति की जाने वाली लाइट मानक के अनुरूप हैं और ल्यूमिनरी स्ट्रीट लाइट (एलईडी) उत्पाद के लिए निर्धारित विनिर्देश 45 वाट और ल्यूमिनेयर सिस्टम की दक्षता 130 एलएम/वाट है। फर्म के उत्पाद का परीक्षण अल्फा प्राइवेट लिमिटेड द्वारा भी किया गया था और परीक्षण रिपोर्ट के अनुसार उत्पाद निविदा में निर्धारित मानक/विनिर्देश को पूरा करने में सक्षम पाया गया। कहा गया कि सभासद देवेश कौशिक द्वारा एसएस एंटरप्राइजेज को निविदा दिए जाने के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई गई थी, जिस पर नगर पालिका परिषद के अधिशासी अधिकारी ने लोक निर्माण विभाग, उत्तर प्रदेश से रिपोर्ट मांगी थी।
याचिका में कहा गया कि लोक निर्माण विभाग ने 11 नवम्बर 2024 को एक रिपोर्ट प्रस्तुत की, जिसके अनुसार, लोक निर्माण विभाग में पंजीकृत याचिकाकर्ता का उत्पाद 122.93 एलएम/वॉट बताया गया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि उत्तर प्रदेश लोक निर्माण विभाग में विद्युत उत्पाद की आपूर्ति के लिए, कई फर्मों ने दस्तावेज़ और मान्यता प्राप्त एनएबीएल लैब से अपने उत्पाद टेस्ट कराये, जिसकी एक रिपोर्ट प्रस्तुत की और फर्म द्वारा प्रस्तुत दस्तावेज़ और परीक्षण रिपोर्ट के आधार पर, फर्मों को वर्गीकृत करने की बात कहते हुए यह स्पष्ट किया गया कि एलईडी लाइट उत्पाद के परीक्षण के लिए कोई अलग प्रतिष्ठान नहीं है। याचिकाकर्ता ने कोर्ट में दावा किया कि इसी रिपोर्ट से स्पष्ट हो जाता है कि याचिकाकर्ता के उत्पाद का कोई भी तकनीकी परीक्षण नहीं किया गया था, और इसलिए, लोक निर्माण विभाग की रिपोर्ट के आधार पर नगरपालिका प्रशासन द्वारा दिया गया आदेश अवैध है और निविदा को रद्द करना भी अवैध है। साथ ही ब्लेकलिस्ट करने से पहले उनको सुनवाई का भी कोई अवसर उपलब्ध नहीं कराया गया।
याचिकाकर्ता की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता विनय खरे और उनके सहायक राजीव कुमार सैनी ने तर्क कोर्ट के समक्ष रखे। हाईकोर्ट के न्यायाधशी सरल श्रीवास्तव और अरूण कुमार सिंह की खंडपीठ ने 12 अगस्त को जारी अपने आदेश में याचिकाकर्ता की दलीलों को सुनते हुए उनको राहत प्रदान की। कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि याचिका पर सुनवाई के तहत न्यायालय के अगले आदेश तक एसएस एंटरप्राइजेज फर्म के खिलाफ पालिका प्रशासन की ओर से 16 दिसम्बर 2024 को जारी किये गये आदेश का प्रभाव और संचालन स्थगित रहेगा। कोर्ट ने यह भी कहा कि इस मामले के सभी प्रतिवादियों को उस वस्तु ;एलईडी लाइटद्ध की आपूर्ति के संबंध में कोई भी नया निविदा देने से भी रोका जाता है, जिसके लिए याचिकाकर्ता को निविदा आवंटित की गई थी। यानि की नई फर्म श्री गुरूकृपा को भी पालिका में एलईडी लाइट आपूर्ति करने पर रोक लगा दी है। इसके साथ ही कोर्ट ने याचिका में प्रतिवादी संख्या 7 के रूप में दर्शाये गये शिकायतकर्ता सभासद देवेश कौशिक को नोटिस जारी करने और इसका शीघ्र जवाब देने के सख्त निर्देश के साथ ही सभी प्रतिवादियों को चार सप्ताह में प्रति-शपथपत्र और याचिकाकर्ता फर्म को प्रत्युत्तर-शपथपत्र दाखिल करने के लिए कहा गया है। इस प्रकरण में कोर्ट में अब अगली सुनवाई 07 अक्टूबर को नियत की गई है।
नई फर्म दाखिल करेगी शपथ पत्र, मंडलायुक्त का आदेश भी दाखिल
मुजफ्फरनगर नगरपालिका में एलईडी लाइट खरीद और एसएस एंटरप्राइजेज फर्म पर कार्यवाही को लेकर हाईकोर्ट के आदेश से हलचल है। याचिका के प्रतिवादी संख्या 8 श्री गुरूकृपा फर्म की ओर से अधिवक्ता सैयद अहमद फैजान ने कोर्ट में तर्क दिया कि फर्म को 28.03.2025 को प्रकाशित निविदा में सबसे कम बोली लगाने पर एलईडी आपूर्ति के लिए चुना गया। इसलिए उनको सुनने का अवसर दिया जाये। नई फर्म की ओर से अब कोर्ट में को भी प्रति-शपथपत्र दाखिल करने की अनुमति दी गई है। वहीं पालिका प्रशासन और शासन की ओर से अधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि याचिकाकर्ता द्वारा की गई शिकायत पर, आयुक्त सहारनपुर मंडल ने 29.04.2025 को एक जांच समिति गठित की है और निविदा को अंतिम रूप देने पर रोक लगा दी है। मंडलायुक्त के आदेश की प्रति भी कोर्ट में उपलब्ध कराई गई है।