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बीमा कंपनियों और बैंकों में पडे बिना क्लेम के पचास हजार करोड़ रुपये

बीमा कंपनियों और बैंकों में पडे बिना क्लेम के पचास हजार करोड़ रुपये
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नयी दिल्ली। क्या आप जानते हैं कि बैंकों और इश्योंरेंस कंपनियों के पास अभी करीब 50 हजार करोड़ रुपये ऐसे हैं, जिन पर किसी ने दावा नहीं किया है। अनुमान है कि इसमें से करीब 5977 करोड़ रुपये 2020 में बढ़े हैं। अभी ये पता नहीं है कि आखिर ऐसे कितने खाते हैं जिनमें इंश्योरेंस के पैसे बिना दावा किए ही पड़े हुए हैं। हालांकि, मंगलवार को सरकार ने एक अनुमान के तहत मिले आंकड़े संसद में साझा किए। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक करीब 8.1 करोड़ ऐसे अकाउंट हैं, जिनमें लगभग 24,356 करोड़ रुपये बिना दावा किए पड़े हैं। यानी हर अकाउंट में करीब 3000 रुपये पड़े हैं। नेशनलाइज्ड बैंकों में ये एवरेज बैलेंस (औसतन एक खाते में पड़ा पैसा) 3030 रुपये है, जबकि भारतीय स्टेट बैंक के मामले में यह आंकड़ा 2710 रुपये है। वहीं निजी बैंकों के खातों में करीब 3340 रुपये का एवरेज बैलेंस है। विदेशी बैंकों में करीब 6.6 लाख खातों में 9250 रुपये का एवरेज बैलेंस है, जिस पर किसी ने दावा नहीं किया है। वहीं स्मॉल फाइनेंस बैंकों में सबसे कम 654 रुपये का एवरेज बैलेंस है। इसके अलावा ग्रामीण बैंकों में 1600 रुपये के एवरेज बैलेंस के साथ बिना दावा किया हुआ पैसा पड़ा है।

बहुत से पॉलिसी होल्डर्स या उनके परिवार के लोग मेच्योरिटी के बाद भी इंश्योरेंस क्लेम नहीं करते हैं। इसकी कई वजहें हैं। बहुत से लोगों को पता ही नहीं होता कि परिवार के सदस्य ने इंश्योरेंस लिया हुआ है। वहीं बहुत से लोग इसलिए क्लेम नहीं कर पाते क्योंकि या तो उनसे इंश्योरेंस के कागज खो गए होते हैं या फिर उन्होंने इंश्योरेंस पॉलिसी की कोई किस्त छोड़ी होती है, जिससे पॉलिसी लैप्स हो चुकी होती है।

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