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देश का विदेशी मुद्रा भंडार नए रिकॉर्ड पर

विदेशी मुद्रा भंडार का उपयोग जरूरत पड़ने पर देनदारियों का भुगतान करने में किया जाता है। इसमें आईएमएफ में विदेशी मुद्रा असेट्स, स्वर्ण भंडार और अन्य रिजर्व शामिल होते हैं, जिनमें से विदेशी मुद्रा असेट्स सोने के बाद सबसे बड़ा हिस्सा रखते हैं।

देश का विदेशी मुद्रा भंडार नए रिकॉर्ड पर
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नई दिल्ली। कोरोना का संकट झेल चुके देश के लिए अच्छी खबर है। तीन सितंबर 2021 को समाप्त सप्ताह में देश का विदेशी मुद्रा भंडार 8.895 अरब डॉलर बढ़कर 642.453 अरब डॉलर के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया।

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, इससे पहले 27 अगस्त 2021 को समाप्त सप्ताह में इसमें 16.663 अरब डॉलर की तेजी आई थी और यह 633.558 अरब डॉलर के स्तर पर पहुंच गया था। विदेशी मुद्रा भंडार में यह वृद्धि विशेष आहरण अधिकार (एसडीआर) होल्डिंग में वृद्धि से हुई है। आलोच्य सप्ताह में भारत की एसडीआर हिस्सेदारी 2.9 करोड़ डॉलर से बढ़कर 19.437 अरब डॉलर पर पहुंच गई। मालूम हो कि अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) अपने सदस्यों को बहुपक्षीय ऋण देने वाली एजेंसी में उनके मौजूदा कोटा के अनुपात में सामान्य एसडीआर का आवंटन करता है।

विदेशी मुद्रा संपत्तियों (एफसीए) 8.213 अरब डॉलर बढ़कर 579.813 अरब डॉलर रह गया। विदेशी मुद्रा संपत्तियों में विदेशी मुद्रा भंडार में रखी यूरो, पाउंड और येन जैसी दूसरी विदेशी मुद्राओं के मूल्य में वृद्धि या कमी का प्रभाव भी शामिल होता है। इस दौरान देश का स्वर्ण भंडार 64.2 करोड़ डॉलर बढ़ा और 38.083 अरब डॉलर पर पहुंच गया। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के पास मौजूद देश का आरक्षित भंडार 1.1 करोड़ डॉलर बढ़कर 5.121 अरब डॉलर रह गया। विदेशी मुद्रा भंडार का उपयोग जरूरत पड़ने पर देनदारियों का भुगतान करने में किया जाता है। इसमें आईएमएफ में विदेशी मुद्रा असेट्स, स्वर्ण भंडार और अन्य रिजर्व शामिल होते हैं, जिनमें से विदेशी मुद्रा असेट्स सोने के बाद सबसे बड़ा हिस्सा रखते हैं।

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