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वर्ल्ड क्लास सुविधाओं से लैस होगी हाई स्पीड ट्रेन, केंद्रीय आवास एवं शहरी विकास मंत्रालय ने पेश किया मॉडल

वर्ल्ड क्लास सुविधाओं से लैस होगी हाई स्पीड ट्रेन, केंद्रीय आवास एवं शहरी विकास मंत्रालय ने पेश किया मॉडल
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विश्व स्तरीय ट्रेन में सफर करने का सपना शीघ्र पूरा होने जा रहा है। अब तक हम टीवी में दूसरे देशों की हाई स्पीड ट्रेन को देखकर रोमांचित होते थे और मन ही मन कल्पना करते थे वह दिन कब आएगा जब हमें भी ऐसी ट्रेन में बैठने का मौका मिलेगा। आपको बता दें हाई स्पीड ट्रेन में सफर करने का सपना कुछ ही साल में पूरा होने वाला है। शुक्रवार को ट्रेन के कोच और उच्च सुविधाओं से लैस गाड़ी के लुक का दीदार करने को मिला। सचिव केंद्रीय आवास एवं शहरी विकास मंत्रालय, दुर्गा शंकर मिश्रा ने भारत की पहली रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (RRTS) ट्रेन के पहले लुक का अनावरण किया। आपको बता दें यह बेहद तेज़ गति 180 किलोमीटर प्रति घंटे की डिजाइन वाली आरआरटीएस ट्रेन पहली आधुनिक प्रणाली वाली ट्रेन है। इसके निर्माण में स्टेनलेस स्टील का इस्तेमाल हुआ है। यह एयरोडायनेमिक ट्रेन हल्की होने के साथ ही पूरी तरह से वातानुकूलित होगी। इस ट्रेन के प्रत्येक कोच में प्रवेश और निकास के लिए प्लग-इन प्रकार के छह (दोनों तरफ तीन-तीन) स्वचालित दरवाजे होंगे। वहीं, बिजनेस क्लास कोच में ऐसे चार (दोनों तरफ दो-दो) दरवाजे होंगे। इसके साथ ही प्रत्येक ट्रेन में एक बिजनेस क्लास कोच भी होगा। इस हाई स्पीड ट्रेन मैं खाने की विशेष सुविधा मिलेगी इसके लिए ट्रेन के अंदर डिस्पेंसिंग मशीन भी लगी होगी। बैठने के लिए कोच में 2x2 आरामदायक सीटें रहेंगी। साथ ही यात्रियों के पैर रखने के लिए पर्याप्त जगह रहेगी। किन्ही कारणों से खड़े होकर यात्रा कर रहे लोगों का सफर आरामदायक बनाने के लिए दोनों तरफ की सीटों के बीच में पर्याप्त जगह रहेगी। यात्रियों का सामान रखने के लिए रैक, मोबाइल/ लैपटॉप चार्जिंग पॉइंट, वाई-फाई और अन्य यात्री-केंद्रित सुविधाएं भी होंगी। मेरठ से अभी दिल्ली के बीच का सफर 3 से 4 घंटे में तय होता है। हाई स्पीड ट्रेन चलने के बाद यह घटकर एक घंटे का रह जाएगा। दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ

82 किलोमीटर लंबा कारीडोर में लगने वाला पहला आरआरटीएस कॉरिडोर है। इस समय साहिबाबाद से शताब्दी नगर (मेरठ) के बीच लगभग 50 किलोमीटर लंबे खंड पर सिविल निर्माण कार्य जोर शोर से जारी है। वही गाजियाबाद, साहिबाबाद, गुलधर और दुहाई आरआरटीएस स्टेशन का निर्माण कार्य भी पूरे शबाब पर चल रहा है। बता दें, साहिबाबाद से दुहाई के बीच के 17 किमी लंबे प्राथमिक खंड पर परिचालन 2023 से प्रस्तावित है जबकि पूरे कॉरिडोर को 2025 में जनता के लिए खोल दिया जाएगा।

सूत्रों ने बताया की आरआरटीएस ट्रेन का पहला प्रोटोटाइप (नमूना) 2022 तक निर्मित हो जाएगा और विस्तृत परीक्षण के बाद सार्वजनिक उपयोग में लाया जाएगा। यात्रियों के सफर के लिए एनसीआरटीसी रीजनल रेल सेवाओं के संचालन के लिए 6 कोच के 30 ट्रेन सेट और मेरठ में स्थानीय परिवहन सेवाओं के लिए 3 कोच के 10 ट्रेन सेट खरीदेगा। जानकारी में पता चला है की दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ आरआरटीएस कॉरिडोर के संपूर्ण रोलिंग स्टॉक का निर्माण गुजरात में बॉम्बार्डियर के सावली प्लांट में किया जाएगा। मेट्रो कोच की तर्ज पर हाई स्पीड ट्रेन में ऑडियो-विडियो की घोषणा की सुविधा होगी तथा स्टेशन की पूरी जानकारी मिल सकेगी। सुरक्षा की दृष्टि से सभी कोचों में सीसीटीवी कैमरे लगे होंगे। खतरे से बचाव के लिए फायर ऐंड स्मोक डिटेक्टर, अग्निशामक यंत्र और डोर इंडिकेटर भी होगा। हाई स्पीड ट्रेन के पारदर्शी विंडो ग्लास से ट्रेन में बैठने वाले लोग बाहर के मनोरम दृश्य आसानी से देख सकेंगे। सफल को सुरक्षित और यादगार बनाने के लिए इसके लिए ट्रेन में डबल ग्लेज्ड, टेम्पर्ड प्रूफ बड़ी शीशे की खिड़कियां लगाई गई हैं। इसके साथ ही हाई स्पीड ट्रेन में विश्व स्तरीय सुविधाएं जैसे ट्रेन आपातकालीन सार्वजनिक घोषणा और प्रदर्शन प्रणाली, रूट मैप डिस्प्ले, इंफोटेनमेंट डिस्प्ले और संचार सुविधाओं से लैस रहेगी। वहीं दिव्यांगजनों के लिए हाई स्पीड ट्रेन में दरवाजों के पास व्हीलचेयर के लिए जगह होगी। महिला यात्रियों के लिए एक कोच प्रत्येक ट्रेन में रिजर्व रहेगा। प्लैटफॉर्म पर एक विशेष लाउंज बिजनेस क्लास कोच यात्रियों के प्रवेश के लिए होगा। मेट्रो स्टेशन की भांति स्टेशन पर प्लैटफॉर्म स्क्रीन डोर होंगे जोकि ट्रेन के दरवाजों के साथ ही खुलेंगे। दुर्गा शंकर मिश्रा, सचिव, केंद्रीय आवास एवं शहरी विकास मंत्रालय ने बताया कि उच्च-गति, उच्च-आवृत्ति वाली आरआरटीएस ट्रेन पूरी तरह से भारत सरकार की मेक इन इंडिया नीति के तहत निर्मित की जा रही हैं। उन्होंने बताया ये ट्रेनें पर्यावरण के अनुकूल और ऊर्जा कुशल होने के साथ साथ एनसीआर और आस-पास के क्षेत्रों के आर्थिक विकास में तेजी लाकर, नए आर्थिक अवसर पैदा करके और वायु प्रदूषण, कार्बन फुटप्रिंट, भीड़-भाड़ और दुर्घटनाओं को कम करके लोगों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार लाएगी। अनगिनत खूबियों से लैस हाई स्पीड ट्रेन चलने के बाद भारत विश्व स्तरीय परिवहन के क्षेत्र में अपनी स्थिति और मजबूत करेगा।

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