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नोएडा में फ्लैट खरीदारों को स्टांप शुल्क में मिलेगी राहत

जिलाधिकारी ने बायर्स के साथ हो रहे इस अन्याय को गंभीरता से लेते हुए यह आदेश जारी किया है। फ्लैट की रजिस्ट्री के दौरान यदि सुपर एरिया के आधार पर रजिस्ट्री हो रही है तो अथाॅरिटी इस सुपर एरिया को सर्टिफाइड करे। अन्यथा नक्शे में मौजूद कवर्ड एरिया में 20 प्रतिशत अधिक जोड़कर बायर्स से स्टांप शुल्क लिया जाए।

नोएडा में फ्लैट खरीदारों को स्टांप शुल्क में मिलेगी राहत
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नोएडा। नोएडा में फ्लैटों की रजिस्ट्री के दौरान सुपर एरिया और कवर्ड एरिया के बीच उलझन के समाधान के बाद अब अतिरिक्त आर्थिक बोझ से बायर्स पर राहत मिलेगी।

जिला प्रशासन ने अब विवाद को दूर करते हुए ऐक्ट के अनुसार इसे लागू कराने के लिए कदम उठाया है। शहर में आम्रपाली के फ्लैटों की रजिस्ट्री के माध्यम से इस नियम को ऐक्ट में मौजूद प्रावधान के अनुसार सही तरीके से लागू करने से शुरुआत होगी और फिर इसी को आधार बनाकर दूसरे बिल्डर प्राॅजेक्टों में इसे लागू किया जा सकेगा। शहर के अधिकांश बिल्डर प्राॅजेक्ट्स में फ्लैट लेने के दौरान बिल्डर बायर्स एग्रीमेंट में सुपर एरिया, जिसमें बालकनी, लिफ्ट, लाॅबी आदि का एरिया भी शामिल होता है, के पैमाने के अनुसार फ्लैट बिकते हैं। वहीं, बिल्डर नोएडा अथाॅरिटी से कवर्ड एरिया यानि फ्लैट में जितना एरिया अपको कवर मिल रहा है, इसमें रूम, बाथरूम, किचन आदि के मानक के अनुसार नक्शा पास होता है। सुपर एरिया का मानक नोएडा अथाॅरिटी से पास होने वाले नक्शे में कहीं है ही नहीं। अब जब रजिस्ट्री होती है तो बिल्डर बायर एग्रीमेंट में लिखे सुपर एरिया के अनुसार रजिस्ट्री हो जाती है और उसी के अनुसार स्टांप शुल्क बायर से लिया जाता है। फ्लैट सर्कल रेट की गाइडलाइन के अनुसार कवर्ड एरिया में 20 प्रतिशत अधिक जोड़कर स्टांप शुल्क लिया जाना चाहिए।

यह बिल्डर बायर एग्रीमेंट में लिखे सुपर एरिया से अधिकांश बिल्डर प्राॅजेक्ट्स में 200-300 स्क्वायर फुट कम बैठेगा यानि बायर्स को इतने स्क्वायर फुट का स्टांप शुल्क कम देना होगा। यह तकनीकी गलती लंबे समय से चली आ रही है। इसके ठीक करने के लिए अब जिला प्रशासन ने पहली बार कदम उठाया है, जिसका सीधा फायदा बायर्स को मिलेगा। पिछले दिनों जिला प्रशासन के अधिकारियों के साथ शहर के कुछ बायर्स की मीटिंग हुई थी। इस मीटिंग में आम्रपाली जोडिएक व प्रतीक विस्टेरिया के कुछ बायर्स ने यह मुद्दा प्रमुखता से उठाया था। जिलाधिकारी ने बायर्स के साथ हो रहे इस अन्याय को गंभीरता से लेते हुए यह आदेश जारी किया है। फ्लैट की रजिस्ट्री के दौरान यदि सुपर एरिया के आधार पर रजिस्ट्री हो रही है तो अथाॅरिटी इस सुपर एरिया को सर्टिफाइड करे। अन्यथा नक्शे में मौजूद कवर्ड एरिया में 20 प्रतिशत अधिक जोड़कर बायर्स से स्टांप शुल्क लिया जाए। इस कंफ्यूजन को दूर करने और एरिया को ऐक्ट के अनुसार सर्टिफाइड करने के लिए जिला प्रशासन ने अथाॅरिटी को भी इस मामले में चिट्ठी लिखी है। ताकि इसे जल्द से जल्द लागू किया जा सके।

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