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सुनंदा पुष्कर मौत मामले में शशि थरूर कोर्ट से आरोप मुक्त

पब्लिक प्रोसिक्यूटर अतुल श्रीवास्तव ने कहा था कि उनकी मानसिक स्थिति को खराब किया गया था जिससे उनका स्वास्थ्य खराब हो गया था। उन्होंने सुनवाई के दौरान सुनंदा के पोस्टमार्टम रिपोर्ट का जिक्र करते हुए कहा था कि यह एक स्वाभाविक मौत नहीं है। मौत की वजह जहर है, जिसे मौखिक या इंजेक्शन के जरिए भी दिया जा सकता था।

सुनंदा पुष्कर मौत मामले में शशि थरूर कोर्ट से आरोप मुक्त
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नई दिल्ली। पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर की पत्नी सुनंदा पुष्कर की मौत के मामले में राऊज एवेन्यू कोर्ट ने वरिष्ठ नेता शशि थरूर को इस मामले में बरी कर दिया है।

दरअसल सुनंदा पुष्कर की मौत का मामला दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट में चल रहा था। इस मामले में पुलिस ने अपनी चार्जशीट में दिग्गज कांग्रेस नेता और केरल से सांसद शशि थरूर पर भारतीय दंड संहिता की धारा 478 ए (वैवाहिक क्रूरता) और 306 (आत्महत्या के लिए उकसाने) के तहत आरोप लगाए थे। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर की पत्नी सुनंदा पुष्कर जनवरी 2014 में एक होटल के कमरे में मृत पाई गई थीं। वहीं मेडिकल रिपोर्ट के बाद उनके शरीर में ड्रग्स की मौजूदगी की बात सामने आई थी। जबकि शुरुआती जांच में हत्या के एंगल पर भी छानबीन हो रही थी। हालांकि पुलिस ने आखिरकार आत्महत्या के लिए चार्जशीट दायर की। इससे पहले, दोनों पक्षों में हुई बहस के बाद आरोप तय करने के आदेश को टाल दिया गया था।

पिछली सुनवाई के दौरान सुनंदा पुष्कर पर मानसिक क्रूरता करने का भी एंगल सामने आया था। पब्लिक प्रोसिक्यूटर अतुल श्रीवास्तव ने कहा था कि उनकी मानसिक स्थिति को खराब किया गया था जिससे उनका स्वास्थ्य खराब हो गया था। उन्होंने सुनवाई के दौरान सुनंदा के पोस्टमार्टम रिपोर्ट का जिक्र करते हुए कहा था कि यह एक स्वाभाविक मौत नहीं है। मौत की वजह जहर है, जिसे मौखिक या इंजेक्शन के जरिए भी दिया जा सकता था। पुलिस ने शशि थरूर पर पत्नी सुनंदा पुष्कर को आत्महत्या के लिए उकसाने और दहेज का आरोप लगाया था। लेकिन कोर्ट में पुलिस इन दोनों ही आरोपों को साबित करने के लिए आरोपपत्र के साथ पुख्ता साक्ष्य पेश नहीं कर पाई। बचाव पक्ष की तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता विकास पाहवा ने सुनंदा पुष्कर की मौत को लेकर पोस्टमार्टम रिपोर्ट और विसरा की तीन अलग-अलग लैबों में फोरेंसिक जांच की रिपोर्ट का हवाला दिया गया था। इसमें मौत के सही कारण का एक भी रिपोर्ट में जिक्र नहीं था। सभी में केवल कयास लगाए गए थे। अदालत ने बचाव पक्ष की दलील और दस्तावेजों के आध्ययन के आधार पर थरूर को आरोप मुक्त करने का फैसला सुनाया है।

कोर्ट से राहत मिलने के बाद कांग्रेस सांसद ने अदालत का शुक्रिया अदा किया। उन्होंने कहा कि मैं 7.5 साल से इस टॉर्चर और दर्द से गुजर रहा था। अदालत में थरूर के वकील ने कहा कि एक विशेष जांच दल ने राजनेता को पूरी दोषमुक्त कर दिया है और ऐसे में उन्हें आरोप मुक्त कर दिया जाना चाहिए क्योंकि उनके खिलाफ किसी भी आरोप को सिद्ध करने के लिए कोई सबूत नहीं है।

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