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उच्चतम न्यायालय के आदेश के बाद गाजीपुर बॉर्डर से किसानों ने हटाये टैंट

पिछले लगभग 11 महीनों से दिल्ली की सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे किसानों को उच्चतम न्यायालय ने रास्ता छोड़ने के लिए कहा है। इसके बाद दिल्ली-गाजियाबाद के बॉर्डर यानी यूपी गेट पर हलचल दिखाई दी। आज यूपी गेट पर फ्लाइओवर के नीचे सर्विस लेन से किसानों ने अपने टेंट हटा लिए हैं। हालांकि इस मौके पर भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि किसानों ने नहीं, बल्कि दिल्ली पुलिस ने बैरियर लगाकर रास्ते रोके हुए हैं।

उच्चतम न्यायालय के आदेश के बाद गाजीपुर बॉर्डर से किसानों ने हटाये टैंट
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गाजियाबाद। पिछले लगभग 11 महीनों से दिल्ली की सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे किसानों को उच्चतम न्यायालय ने रास्ता छोड़ने के लिए कहा है। इसके बाद दिल्ली-गाजियाबाद के बॉर्डर यानी यूपी गेट पर हलचल दिखाई दी। आज यूपी गेट पर फ्लाइओवर के नीचे सर्विस लेन से किसानों ने अपने टेंट हटा लिए हैं। हालांकि इस मौके पर भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि किसानों ने नहीं, बल्कि दिल्ली पुलिस ने बैरियर लगाकर रास्ते रोके हुए हैं।

मिली जानकारी के अनुसार तीनों केंद्रीय कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग को लेकर जारी प्रदर्शन के बीच बृहस्पतिवार को दिल्ली-उत्तर प्रदेश के गाजीपुर बार्डर पर हैरान कर देने वाला नजारा देखने को मिला। भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत अपने प्रदर्शनकारी किसान साथियों के साथ गाजीपुर बार्डर पर बैरिकेड हटाते नजर आए। इस दौरान यहां पर मौजूद मीडिया कर्मियों से कहा कि रास्ता किसान प्रदर्शनकारियों ने नहीं रोका है, बल्कि पुलिस ने इन बैरिकेड के जरिये लोगों की आवाजाही रोकी है। गौरतलब है कि राकेश टिकैत लगातार यह कहते रहे हैं कि दिल्ली-यूपी बार्डर पर रास्ता किसानों ने नहीं, बल्कि दिल्ली पुलिस ने रोका है। वहीं, सुप्रीम कोर्ट में बृहस्पतिवार को किसान आंदोलन के चलते दिल्ली बार्डर पर रास्तों के बंद होने को लेकर सुनवाई हुई। सुप्रीम कोर्ट ने एक बार फिर दोहराया है कि लोगों को विरोध प्रदर्शन का अधिकार है, लेकिन सड़क नहीं रोकनी चाहिए। सुप्रीमकोर्ट ने बृहस्पतिवार को सुनवाई के दौरान किसान संगठनों से इस मामले में जवाब दाखिल करने के कहा है। अब इस मामले में सुनवाई 7 दिसंबर को होगी। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान किसान आंदोलन को लेकर नाराजगी जता चुका है, जिसके चलते दिल्ली बार्डर के कई रास्ते बंद हैं। पिछले महीने सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली बार्डर पर प्रदर्शन को लेकर किसान संगठनों से पूछा था कि जब मामला अदालत में है, तब किसान प्रदर्शन क्यों कर रहे हैं। बता दें कि केंद्रीय कृषि कानूनों को रद करने की मांग को लेकर यूपी, हरियाणा, पंजाब और राजस्थान समेत तमाम राज्यों के किसान 27 नवंबर से दिल्ली-एनसीआर के बार्डर पर प्रदर्शन कर रहे हैं। किसानों का कहना है कि जब तक तीनों केंद्रीय कृषि कानून पूरी तरह से वापस नहीं लिए जाते हैं तब तक वह प्रदर्शन खत्म नहीं करेंगे।

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