दिल्ली में हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट, फ्यूल स्टिकर जरूरी
सरकार के ऐलान के बाद, एचआरपीसी के लिए अप्लाई करने वालों की संख्या कई गुना बढ़ गई है
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नई दिल्ली। दिल्ली में कार पर सिक्योरिटी नंबर प्लेट, फ्यूल स्टिकर जरूरी है। अगले महीने से कलर कोडेड फ्यूल स्टिकर्स पर भी ऐक्शन लिया जाएगा।सरकार ने बिना हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट्स (एचआरपीसी) वाली गाड़ियों पर शिकंजा कसने की तैयारी कर ली है। सरकार के ऐलान के बाद, एचआरपीसी के लिए अप्लाई करने वालों की संख्या कई गुना बढ़ गई है। पहले जहां रोज 200-250 बुकिंग होती थीं, अब यह आंकड़ा 3,000 तक पहुंच गया है। कई यूजर्स तकनीकी दिक्कतों का सामना कर रहे थे। जिसके बाद एचआरपीसी में स्लाॅट बुक करने के प्रोसेस को छोटा कर दिया गया है। फिलहाल कार मालिकों को दस्तावेजों को स्कैन करके नहीं अपलोड करना होगा। इसके अलावा वन टाइम पासवर्ड की जरूरत भी नहीं होगी।
ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट ने मंगलवार को नोटिस जारी किया था। जिसके बाद दिल्ली के कार मालिकों में एचआरपीसीऔर कलर कोडेड फ्यूल स्टिकर लगवाने की होड़ मच गई। दिल्ली में 2012 से पहले रजिस्टर्ड हुईं करीब 40 लाख कारें हैं जिनमें एचआरपीसी नहीं है। फ्यूल स्टिकर्स वाली गाड़ियों की संख्या करीब साढ़े तीन लाख है। ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट ने 236 वेहिकल डीलर्स को एचआरपीसी और फ्यूल स्टिकर्स लगाने के लिए अधिकृत किया है। डीलर्स ने वेंडर्स से टाईअप कर एक वेबसाइट बनाई है जहां से स्लाॅट बुक किए जा सकते हैं। जो कार मालिक स्लाॅट बुक करने की कोशिश कर रहे थे, उनमें से अधिकतर ने कहा कि वे दस्तावेज अपलोड नहीं कर पा रहे हैं। उन्हें कार का रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट और पहचान पत्र अपलोड करना होता है। कई लोगों ने कहा कि उन्होंने दस्तावेज तो अपलोड कर दिए लेकिन ओटीपी नहीं आया। पेमेंट करने और स्लाॅट कन्फर्म होने के लिए ओटीपी दर्ज करना जरूरी है। जब अप्लिकेंट्स की संख्या बढ़ी तो दस्तावेज अपलोड करने और ओटीपी की जरूरत को फिलहाल खत्म कर दिया गया है। अब एक-दो मिनट में स्लाॅट बुक हो सकता है।