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तीनों कृषि कानूनों पर सुप्रीम कोर्ट ने अगले आदेश तक लगाई रोक

कोर्ट ने बातचीत के लिए एक पांच सदस्यीय समिति का गठन किया है। इस कमिटी में कृषि विज्ञानी अशोक गुलाटी, हरसिमरत भी सदस्य होंगे।

तीनों कृषि कानूनों पर सुप्रीम कोर्ट ने अगले आदेश तक लगाई रोक
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नई दिल्ली। केंद्र सरकार के तीनों कृषि कानूनों पर सुप्रीम कोर्ट ने आगले आदेश तक रोक लगा दी है। कृषि कानूनों को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कमिटी की रिपोर्ट आने और अगले आदेश तक कृषि कानूनों के क्रियान्वयन पर रोक लगा दी है। साथ ही कोर्ट ने बातचीत के लिए एक पांच सदस्यीय समिति का गठन किया है। इस कमिटी में कृषि विज्ञानी अशोक गुलाटी, हरसिमरत भी सदस्य होंगे। सुप्रीम कोर्ट ने कल ही स्पष्ट संदेश दे दिया था कि वह इस मसले को कमेटी के पास भेजेगी। आज जब कोर्ट में सुनवाई शुरू हुई तो किसानों ने कमेटी के पास जाने से मना कर दिया, जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने फटकार लगाई और कहा कि दुनिया की कोई ताकत उसे कमेटी बनाने से नहीं रोक सकती।

सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को कहा कि दुनिया की कोई ताकत उसे नए कृषि कानूनों पर जारी गतिरोध को समाप्त करने के लिए समिति का गठन करने से नहीं रोक सकती और उसे समस्या का समाधान करने के लिए कानून को निलंबित करने का अधिकार है। उसने किसानों के प्रदर्शन पर कहा, हम जनता के जीवन और सम्पत्ति की रक्षा को लेकर चिंतित हैं। न्यायालय ने साथ ही किसान संगठनों से सहयोग मांगते हुए कहा कि कृषि कानूनों पर जो लोग सही में समाधान चाहते हैं, वे समिति के पास जाएंगे। कोर्ट ने किसान संगठनों से कहा कि यह राजनीति नहीं है। राजनीति और न्यायतंत्र में फर्क है और आपको सहयोग करना ही होगा। प्रधान न्यायाधीश एस. ए. बोबडे, न्यायमूर्ति ए. एस. बोपन्ना और न्यायमूर्ति वी. रामासुब्रमणियन की पीठ ने सोमवार को इस मामले की सुनवाई के दौरान अपनी नाराजगी व्यक्त करते हुये यहां तक संकेत दिया था कि अगर सरकार इन कानूनों का अमल स्थगित नहीं करती है तो वह उन पर रोक लगा सकती है।

न्यायालय ने कहा कि कोई ताकत हमें नए कृषि कानूनों पर जारी गतिरोध को समाप्त करने के लिए समिति का गठन करने से नहीं रोक सकती तथा हमें समस्या का समाधान करने के लिए कानून को निलंबित करने का अधिकार है। बता दें कि कृषि कानूनों के खिलाफ में करीब सवा महीने से अधिक समय से किसान दिल्ली की सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे हैं।

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