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सुप्रीम कोर्ट पहुंचा सड़कों पर किसानों के जाम का मुद्दा

सुप्रीम कोर्ट में कृषि कानून, किसान आंदोलन और अन्य मसलों पर अलग-अलग याचिकाएं दाखिल की गई हैं। इनमें सबसे अहम है आंदोलन कर रहे किसानों को सड़कों पर से हटाने की याचिका भी शामिल है।

सुप्रीम कोर्ट पहुंचा सड़कों पर किसानों के जाम का मुद्दा
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नई दिल्ली। कृषि कानूनों पर सरकार और किसान नेताओं के बीच गतिरोध बरकरार है। किसान अभी भी कड़ाके की ठंड के बावजूद आंदोलन कर रहे हैं और अपनी मांगों पर डटे हैं। इस बीच आज किसान आंदोलन को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होनी है।

किसान कानून वापसी की मांग को लेकर दिल्ली की सीमाओं पर हजारों किसानों का विरोध प्रदर्शन जारी है। सुप्रीम कोर्ट में कृषि कानून, किसान आंदोलन और अन्य मसलों पर अलग-अलग याचिकाएं दाखिल की गई हैं। इनमें सबसे अहम है आंदोलन कर रहे किसानों को सड़कों पर से हटाने की याचिका भी शामिल है। लाॅ स्टूडेंट ऋषभ शर्मा ने यह याचिका दायर की है। सुप्रीम कोर्ट में बुधवार को किसान आंदोलन से जुड़ी कई याचिकाओं पर सुनवाई होनी है। इनमें दिल्ली के अलग-अलग बाॅर्डर पर जाम और कोरोना वायरस संकट को लेकर भी याचिका दायर की गई है। इसके अलावा किसान आंदोलन में मानवाधिकारों, पुलिस एक्शन और किसानों की मांग मानने की अपील से जुड़ी याचिका भी दाखिल की गई है। चीफ जस्टिस एस ए बोबडे, जस्टिस ए एस बोपन्ना और जस्टिस वी रामसुब्रमण्यम की बेंच इन मामलों पर सुनवाई करेगी।

दूसरी तरफ किसानों ने आज दिल्ली-नोएडा का चिल्ला बाॅर्डर बंद करने का ऐलान किया है। किसानों के समर्थन में अब यूपी के खाप पंचायतें भी आ गई हैं। इस बीच पश्चिमी यूपी की कई खाप पंचायतों ने किसान आंदोलन का समर्थन किया है और 17 दिसंबर को आंदोलनरत किसानों के साथ मिलकर दिल्ली की सीमाओं पर प्रदर्शन करने की घोषणा की है। अखिल खाप परिषद के सचिव सुभाष बालियान ने ये जनकारी दी है। पीएम मोदी ने एक बार फिर कृकृषि कानूनों को किसानों के लिए लाभकारी बताया है। पीएम मोदी ने कहा है कि विपक्ष किसानों को डरा रहा है और भड़काने की कोशिश कर रहा है।

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