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दिल्ली यूपी के बीच आवागमन बाधित

किसानों के प्रदर्शन के बीच एक्सप्रेस वे पर यातायात ब्लाॅक इसके चलते यूपी से दिल्ली जाने के दूसरे मार्गों पर जाम की स्थिति

दिल्ली यूपी के बीच आवागमन बाधित
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गाजियाबाद। केंद्र सरकार के कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसान अपनी मांगों पर डटे हैं और उनका प्रदर्शन लगातार जारी है। किसानों के प्रदर्शन को देखते हुए मंगलवार को सुबह 7.30 बजे दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे पर वाहनों की आवाजाही पर रोक लगा दी गई। एक्सप्रेसवे को पूरी तरह से बंद कर दिया क्योंकि प्रदर्शन कर रहे किसानों ने अपने सभी कैरिजवे को ब्लाॅक कर दिया। दिल्ली ट्रैफिक पुलिस ने ट्विटर का इस्तेमाल करते हुए जनता को लगभग 7.37 बजे अपडेट दिया कि गाजीपुर-गाजियाबाद सीमा पर कैरिजवे बंद रहेगा। एक्सप्रेस वे बंद किए जाने के बाद दिल्ली से यूपी आने जाने के लिए दूसरे मार्गों पर जाम की स्थिति है।

पुलिस उपायुक्त ;पूर्वद्ध जसमीत सिंह ने भी प्रदर्शनकारी किसानों द्वारा सीमा पर नाकाबंदी करने की पुष्टि की। एक्सप्रेसवे पर अचानक हुई नाकाबंदी ने दिल्ली और उत्तर प्रदेश पुलिस को यातायात को आनंद विहार, भोपुरा और अप्सरा जैसी वैकल्पिक सीमाओं पर मोड़ने के लिए प्रेरित किया है। चूंकि ये समय दफ्तर जाने वाले लोगों के लिए मुख्य है तो इस दौरान ट्रैफिक की समस्या खड़ी हो सकती है। उत्तर प्रदेश प्रशासन और दिल्ली पुलिस के अधिकारी प्रदर्शनकारी किसानों के साथ कम से कम एक कैरिजवे को फिर से खोलने पर चर्चा कर रहे हैं। यूपी गेट सीमा पर विरोध कर रहे किसानों ने पिछले महीने अपना आंदोलन शुरू करने के बाद से गाजियाबाद से दिल्ली की ओर जाने वाले एक्सप्रेसवे के कैरिजवे और सर्विस रोड पर कब्जा कर लिया है।

सोमवार दोपहर के बाद यह दूसरी बार है कि एक्सप्रेसवे को किसानों द्वारा पूरी तरह से अवरु( कर दिया गया है, किसान आरोप लगा रहे हैं कि उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के कई किसानों को दिल्ली की सीमाओं से आगे बढ़ने और आंदोलन में शामिल होने से रोक दिया गया था। जानकारी के मुताबिक, आंदोलनकारी किसानों ने उत्तर प्रदेश को दिल्ली से जोड़ने वाली गाजीपुर सीमा स्थित एनएच 9 को जाम कर दिया है। इससे यातायात प्रभावित हुआ है। सड़कों पर गाड़ियों की लंबी कतारें लग गई हैं। दरअसल, सोमवार को भी किसानों ने एनएच 9 को पूरी तरह जाम कर दिया गया था। किसानों का आरोप है कि यूपी गेट आ रहे किसानों की पुलिस ने ट्राॅलियां रोक दी। इसके बाद आज सुबह किसानों ने एनएच-9 को पूरी तरह से बंद कर दिया। आपको बता दें कि एनएच-9 दिल्ली को मेरठ से जोड़ती है। इसके गाजीपुर बाॅर्डर पर किसान बीते कई 26 दिनों से प्रदर्शन कर रहे हैं। वहीं, एनएन 9 जाम की वजह से यात्रियों को काफी परेशानी हो रही है। फिर, आनन फानन में रुट डायवर्ट किया गया मगर जयम की स्थिति अभी भी बनी हुई है। हालांकि, गाजियाबाद जिलाधिकारी और एसएसपी मौके पर पहुंचे और किसानों से बातचीत की। मगर किसान भी अपनी मांगों को लेकर अड़े हुए हैं।

कल खबर सामने आई थी कि दिल्ली की गाजीपुर सीमा पर धरना-प्रदर्शन कर रहे किसानों ने प्रदर्शनकारियों के लिए 'नेकी की दीवार' नाम से एक जगह निर्धारित की है, जिसपर कपड़े और दवाओं सहित अन्य जरूरी चीजें लिखकर मांगी जा सकती हैं। गाजीपुर सीमा पर प्रदर्शन में शामिल सुरविंदर नाम के किसान ने कहा कि हमने आज नेकी की दीवार स्थापित की है। इसके पीछे मुख्य उद्देश्य यह है कि हमारे सभी किसान भाई-बहन प्रदर्शन के लिए पूरी तरह से तैयार रहें और वे दिल्ली की कड़ाके की सर्दी का सामना कर सकें। प्रदर्शन स्थल पर सड़क किनारे मौजूद दीवार से लगे दो 'कियोस्क' भी हैं।

यूपी प्रशासन के अधिकारियों द्वारा किसानों को आश्वासन दिया गया कि सोमवार को सीमाओं की ओर जाने से किसी को नहीं रोका जाएगा। सिंघू और टिकरी सीमा, जहां हजारों किसान विरोध कर रहे हैं, वे अब भी बंद हैं जबकि दिल्ली से नोएडा में प्रवेश करने वाले वाहनों के लिए चिल्ला ;दिल्ली-नोएडा लिंक रोडद्ध सीमा पर एक कैरिजवे खुला है। नोएडा जाने वाले मोटर चालकों को डीएनडी, कालिंदी कुंज, न्यू अशोक नगर, कोंडली, और दल्लूपुरा जैसी अन्य सीमाओं पर भेजा जा रहा है।

इससे पूर्व कल शाम किसानों द्वारा दिए गए अल्टीमेटम का समय पूरा होने के बाद करीब साढ़े तीन बजे भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत और महासचिव यु( वीर सिंह मंच पर पहुंचे और दिल्ली से गाजियाबाद की ओर जा रही लेन पर भी किसानों ने कब्जा कर लिया। किसान एक्सप्रेस-वे पर बैठ गए। इतना ही यूपी गेट से डाबर तिराहे की ओर जाने वाली सड़क पर भी किसानों ने कब्जा जमा लिया। हालांकि इस बीच एंबुलेंस आई तो किसानों ने खड़े होकर एंबुलेंस को रास्ता दिया। जानकारी मिलने पर तत्काल एडीएम सिटी गाजियाबाद शैलेंद्र सिंह किसानों के मंच पर पहुंचे और वार्ता की। ट्रैक्टर छोड़े जाने के बाद किसानों ने करीब शाम पांच बजे एक्सप्रेस-वे की दिल्ली से गाजियाबाद की ओर जाने वाली लेन खाली कर दी थी।

सरकार की ओर से किसानों को वार्ता के लिए बुलावा आने पर भाकियू प्रवक्ता राकेश टिकैत और महघसचिव यु(वीर सिंह का कहना है कि सरकार ने जब तक साफ मन से वार्ता के लिए नहीं बुलाती, तब तक हमारे जाने का कोई फायदा नहीं होने वाला। टिकैत ने कहा कि सरकार कह रही है कानून तो वापस नहीं होंगे, वार्ता कर लो। हम काहे की वार्ता कर लें। हमारी तो मांग ही कानून वापसी की है। उन्होंने कहा कि सरकार अभी बंदर गुलाटी मार रही है, जब साफ मन से बात करने को तैयार होगी तब सोचेंगे। किसी शर्त के साथ वार्ता में नहीं जाएगी।

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