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देवबंद में मनाया गया आचार्य श्री 108 अरुण सागर जी महाराज का 63वां अवतरण दिवस

देवबंद में मनाया गया आचार्य श्री 108 अरुण सागर जी महाराज का 63वां अवतरण दिवस
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धर्म नगरी देवबंद में बुधवार शाम 23 जुलाई 2025 को श्री दिगंबर जैन पारसनाथ मंदिर जी सारगवाड़ा (अतिथि भवन) में एक विशेष धार्मिक आयोजन "एक शाम गुरु वर के नाम" का आयोजन किया गया। यह आयोजन देवबंद सकल जैन समाज एवं वर्षायोग समिति द्वारा आचार्य श्री 108 अरुण सागर जी महाराज के 63वें अवतरण दिवस के पावन अवसर पर किया गया।

कार्यक्रम में भरतपुर (राजस्थान) से आए संगीतकार जितेन्द्र कुमार एंड पार्टी द्वारा प्रस्तुत किए गए भावपूर्ण गुरु भजनों पर जैन समाज की युवतियों अर्चना जैन, शिल्पी जैन, प्रिया जैन, सुमन जैन, आस्था जैन और चंचल जैन ने मनमोहक संगीतमय नृत्य प्रस्तुतियां दीं, जिससे श्रद्धालुओं की आंखें नम हो गईं और वातावरण भक्तिभाव से भर उठा।

महिलाओं के बीच आयोजित आरती थाली प्रतियोगिता में भी बढ़-चढ़कर सहभागिता देखने को मिली। सुंदरता और कलात्मकता के आधार पर इस प्रतियोगिता में:

प्रथम पुरस्कार: श्रीमती अर्चना जैन (पत्नी श्री सुबोध जैन)

द्वितीय पुरस्कार: श्रीमती उर्वशी जैन (पत्नी श्री अमन जैन)

तृतीय पुरस्कार: श्रीमती सुमन जैन

को प्रदान किया गया।

आचार्य श्री द्वारा अपने जीवन परिचय से जुड़े प्रश्नोत्तरी सत्र का आयोजन भी हुआ, जिसमें सही उत्तर देने वालों को सम्मानित किया गया।

इससे पहले कार्यक्रम की शुरुआत भगवान महावीर स्वामी जी के चित्र के समक्ष दीप प्रज्वलन के साथ हुई, जिसे श्री अभिषेक कुमार अर्हम जैन ने संपन्न किया। सकल जैन समाज व वर्षायोग समिति द्वारा महाराज श्री के चरणों का पदपक्षालन एवं शास्त्र भेंट भी किया गया।

कार्यक्रम के दौरान मुख्य अतिथि के रूप में भाजपा नगर अध्यक्ष अरुण गुप्ता, भाजपा नगर महामंत्री राम मोहन सैनी, सभासद मनोज सिंगल, सभासद अर्जुन सिंगल, एवं अजय गुप्ता (पंकज प्रेस) उपस्थित रहे। इनका स्वागत डॉ. डीके जैन, डॉ. अनुज गोयल, एवं वर्षायोग समिति के मुख्य संयोजक विनोद जैन (दस्तावेज लेखक) तथा वित्त संयोजक सुनील कुमार जैन (ठेकेदार) द्वारा पटृका पहनाकर सम्मानित कर किया गया।

इस अवसर पर सतीश जैन, मुनेश जैन, संजय जैन, प्रियांशु जैन, अंकित जैन, अर्चना जैन, प्रीति जैन, संगीता जैन, सविता जैन सहित सकल जैन समाज की बड़ी संख्या में उपस्थिति रही।

मंच संचालन की जिम्मेदारी श्री मनोज जैन ने निभाई और पूरे आयोजन को सफलतापूर्वक संपन्न कराया।

यह आयोजन जैन समाज की धार्मिक एकता, गुरुभक्ति और संस्कृति का प्रतीक बन गया, जिसमें भक्ति, नृत्य, कला और ज्ञान का अद्भुत संगम देखने को मिला।

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