undefined

लीक हुई यूएन रिपोर्ट में 2050 में महा सूखे और करोड़ों लोगों की मौत का दावा

उन्होंने माना कि पर्यावरण बदलाव तेजी से पृथ्वी को तबाही के मुहाने पर लेकर जा रही है। हालांकि एक्सपर्ट्स ने कहा कि लोगों के पास अभी भी मौका है। इस महाप्रलय को रोका नहीं जा सकता है। लेकिन इसे थोड़े समय के लिए टाला जा सकता है।

लीक हुई यूएन रिपोर्ट में 2050 में महा सूखे और करोड़ों लोगों की मौत का दावा
X

नई दिल्ली। पर्यावरण परिवर्तन पर यूनाइटेड नेशन की एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि 2050 में भूख और भीषण गर्मी व सूखे की वजह से धरती से करोड़ों लोग मौत के मुंह में समा जाएंगे।

इस समय कोरोना वायरस से जंग लड़ रही दुनिया में लाशों के अंबार के चलते कई देशों में कब्रिस्तान की कमी हो गई। नए कब्रगाह बनाने की जरुरत पड़ गई। भारत भी इससे अछूता नहीं रहा। लेकिन इस बीच एक और बेहद बुरी खबर है। यूएन द्वारा क्लाइमेट चेंज पर किये जा रहे शोध में सामने आया है कि साल 2050 मानव के लिए सबसे बुरा साल होगा। उस साल ऐसी तबाही आएगी कि धरती से करोड़ों लोगों की जान लेकर जाएगी। बताया गया है कि यूनाइटेड नेशन की ये रिपोर्ट गलती से लीक हो गई। 4 हजार पेज की इस रिपोर्ट में पर्यावरण में आए बदलावों का जिक्र है। इसमें लिखा है कि 2050 तक लाखों लोग भुखमरी के शिकार हो जाएंगे। ऐसा उस समय पड़ने वाले सूखे की वजह से होगा। इसके अलावा कई ग्लेशियर्स तेजी से पिघलेंगे। इससे ग्लोबल वार्मिंग बढ़ेगी। अभी तापमान एवरेज पांच डिग्री फाॅरेनहाइट तक बढ़ रहा है। ऐसे में 2050 में महाप्रलय मच जाएगी। पर्यावरण में आए कई बदलावों को इंसान झेल नहीं पाएगा। नतीजा होगा पृथ्वी से करोड़ों लोगों की मौत।

क्लाइमेट चेंज पर संयुक्त राष्ट्र के इंटरगवर्नमेंटल पैनल आॅन क्लाइमेट चेंज (आईपीसीसी) की यह रिपोर्ट अगले साल जारी होने वाली थी लेकिन इससे पहले ही ये रिपोर्ट लीक हो गई। रिपोर्ट में कहा गया है कि अगले 27 साल तक हर साल पृथ्वी का तापमान 2.7 डिग्री फारेनहाइट से भी ज्यादा बढ़ेगा, जिसके गंभीर परिणाम हमें 2050 में देखने को मिलेंगे। रिपोर्ट के अनुसार, ये परिणाम 2050 तक सामने आने वाले हैं और संभावित रूप से दुनिया भर में130 मिलियन लोगों को भुखमरी का सामना करना पड़ेगा। 350 मिलियन लोग सूखे में प्रभावित होंगे और 420 मिलियन अधिक लोगों को हीटवेव का सामना करना पड़ेगा। उन्होंने एक बयान में कहा कि आईपीसीसी रिपोर्ट का ड्राफ्ट अंतिम रिपोर्ट नहीं है और इसलिए मेरे लिए रिपोर्ट पर टिप्पणी करना अनुचित है। हालांकि उन्होंने माना कि पर्यावरण बदलाव तेजी से पृथ्वी को तबाही के मुहाने पर लेकर जा रही है। हालांकि एक्सपर्ट्स ने कहा कि लोगों के पास अभी भी मौका है। इस महाप्रलय को रोका नहीं जा सकता है। लेकिन इसे थोड़े समय के लिए टाला जा सकता है। अगर हम पर्यावरण को लेकर थोड़े सजग हो जाए, तो कार्बन की बढ़ती मात्रा पर काबू पाया जा सकता है। इससे आने वाले समय के लिए खतरे को टाल सकते हैं। हालांकि, इस रिपोर्ट के मुताबिक, 2050 तक कुछ प्रजातियों को बचा पाना नामुमकिन होगा। अब उनकी स्थिति इतनी बिगड़ गई है कि वो ठीक नहीं होगी। ऐसे में उनके लिए महाप्रलय तय है।

Next Story