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कारगिल विजय दिवस 2025: वीरों के शौर्य को नमन, मातृभूमि के लिए सर्वोच्च बलिदान की अमर कहानी

कारगिल विजय दिवस 2025: वीरों के शौर्य को नमन, मातृभूमि के लिए सर्वोच्च बलिदान की अमर कहानी
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नई दिल्ली: आज 26 जुलाई को पूरा देश 'कारगिल विजय दिवस' मना रहा है, जो भारतीय सेना के अदम्य साहस, शौर्य और बलिदान का प्रतीक है। 1999 में इसी दिन हमारे जांबाज़ जवानों ने पाकिस्तानी घुसपैठियों को खदेड़ते हुए जीत का परचम लहराया था। इस ऐतिहासिक विजय को 26 साल पूरे हो चुके हैं, लेकिन सैनिकों की वीरगाथा आज भी देशवासियों के दिलों में जीवित है।

इस अवसर पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह सहित देश के कई शीर्ष नेताओं ने वीरों के बलिदान को श्रद्धांजलि अर्पित की।


राष्ट्रपति मुर्मू ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा –


वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा –


84 दिनों का अद्भुत संघर्ष

कारगिल युद्ध की शुरुआत 3 मई 1999 को हुई, जब कुछ स्थानीय चरवाहों ने भारतीय सेना को पाकिस्तान की घुसपैठ की सूचना दी। इसके बाद शुरू हुआ एक 84 दिनों का संघर्ष, जिसमें भारतीय सेना ने बर्फीली चोटियों पर दुश्मन के दांत खट्टे कर दिए।


26 जुलाई 1999 को भारतीय सेना ने ऑपरेशन विजय को सफलतापूर्वक पूरा कर लिया और कारगिल की हर एक पोस्ट पर तिरंगा लहराया।


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