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कोरोना से फैल रहा है अवसाद

अकेले ब्रिटेन में कोविड के चलते एक करोड़ लोगों को मानसिक स्वास्थ्य सहायता की जरूरत है। इनमें 15 लाख बच्चे भी शामिल हैं।

कोरोना से फैल रहा है अवसाद
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अगर बच्चा मां से ज्यादा चिपक रहा है तो प्यार ही नहीं, कोरोना से अवसाद की निशानी भी हो सकती है। इसके अलावा अनायास बिस्तर गीला करना, चिड़चिड़ापन और डरावने सपने जैसे बदलाव पिछले 10 महीने में बच्चों के व्यवहार में आ रहे हैं।

ब्रिटेन के सेंटर फाॅर मेंटल हेल्थ के मुताबिक, अकेले ब्रिटेन में कोविड के चलते एक करोड़ लोगों को मानसिक स्वास्थ्य सहायता की जरूरत है। इनमें 15 लाख बच्चे भी शामिल हैं। सर गंगाराम अस्पताल के मनोचिकित्सक डाॅ. राजीव मेहता के अनुसार, कोरोना काल में बच्चों पर मानसिक दवाब बढ़ा है। आॅनलाइन पढ़ाई और दोस्तों से न मिल पाने ने भी असर डाला है। इस अवधि में अभिभावक-बच्चे हमेशा साथ रहे हैं तो उसका दबाव भी काफी अधिक है। कुछ मामलों में घर की आर्थिक स्थिति खराब होने का असर भी बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य पर पड़ा है। लांसेट की एक अन्य रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में कोविड ने प्रत्यक्ष रूप से किशोरों को भले नुकसान न पहुंचाया हो लेकिन उनके मन पर भारी मानसिक दबाव बना दिया है।

मस्तिष्क अब तक बदलाव से लड़ रहा

ब्रिटेन के राॅयल काॅलेज आॅफ साइक्रेटी के प्रेसिडेंट डाॅक्टर एड्रिन जेम्स का कहना है कि कोविड के कारण पैदा हुई सामाजिक परिस्थितियों ने कई लोगों के दिमाग का तानाबाना बदल दिया है। कोविड, लाॅकडाउन और गरीबी की तिहरी मार को शरीर तो झेल गया मगर मस्तिष्क अब भी इससे लड़ रहा है। जेम्स ने ये चेतावनी ऐसे समय में जारी की है जब ब्रिटेन में कोरोना के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। पूरी दुनिया में सरकारों का पूरा ध्यान कोरोना के प्रसार को रोकने में लगा है, मगर दूसरी ओर बड़े पैमाने पर मनोरोगी पैदा होने की जमीन तैयार हो रही है।

ऐसे पहचानें बच्चों में अवसाद

सेंटर आॅफ डिसीज कंट्रोल के मुताबिक, अगर बच्चा बिस्तर गीला करने लगा है, तो इसे इग्नोर ना करें। यह मदद मांगने का संकेत है। बच्चा सामान्य से ज्यादा चिड़चिड़ा नजर आ रहा है, गुस्सा कर रहा है तो इसका मतलब है वह तनाव की ओर बढ़ रहा है। बच्चा अगर डरावने सपने आने की शिकायत कर रहा है, तो वह सबकाॅन्शियस लेवल पर परेशान है। शिशुओं में सबसे मुख्य लक्षण है मां से जरूरत से ज्यादा चिपके रहना। अगर बच्चा गोद से नहीं उतर रहा, तो यह खतरे की घंटी हो सकती है।

इस तरह कर सकते हैं मदद

अपने बच्चे को भरोसा दिलाएं कि सब ठीक है। उसे प्यार करें, गले लगाएं और हाथ पकड़ें। उसे बताते-जताते रहें कि आप उसे कितना प्यार करते हैं।

तय करें कि आपके पास बच्चों को व्यस्त रखने के लिए सार्थक गतिविधियां हों। बच्चे बेहतर सामना करते हैं जब वे दूसरों की मदद करते हैं व व्यस्त रहते हैं।

बच्चे की प्रशंसा करने के अवसरों की तलाश करें। जितना अधिक आप उनकी प्रशंसा करते हैं, उतना ही अधिक वे फिर से करने की संभावना रखते हैं।

बच्चे के साथ धैर्य रखें। व्यवहार में परिवर्तन, आश्वस्त होने की इच्छा या ऊब होने या कुछ भी न करने की शिकायत को समझने की कोशिश करें।

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