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क्यों दरकते हैं सात जन्मों के बंधन

आपसी सामंजस्य और एक दूसरे को समझने कि कोशिश किजिए हमेशा जीवंत बने रहिए और अपने घर परिवार को सदा हरा भरा बनाए रखिए।

क्यों दरकते हैं सात जन्मों के बंधन
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पतिपत्नी का रिश्ता 7 जन्मों का बंधन माना जाने वाला पवित्र रिश्ता आजकल शादी के कुछ सालों में ही दरकने के कगार पर क्यों पहुंचने लगा है? प्यार के बाद प्रेमी जोड़े शादी तो बड़ी आसानी से कर लेते हैं, मगर जब निभाने की बारी आती है तब वही रिश्ता बोझ लगने लगता है। आजकल ऐसे शादीशुदा जोड़ों की संख्या तेजी से बढ़ रही है जिन के बीच वक्त के साथ-साथ प्यार और सम्मान में कमी आने लगी है और नतीजा यह है कि सालों तक रिश्ते में टिके रहने के बाद भी एक दिन तलाक लेने का फैसला ले लेते हैं। विवाह का बंधन बहुत ही पेचीदा इंसानी रिश्ता है और अधिकतर लोग बहुत कम तैयारी के साथ इस बंधन में बंधते हैं, क्योंकि उन्हें लगता है कि वे एक-दूसरे के लिए ही बने हैं‌। आजकल के युवाओं के लिए शादी मात्र शारीरिक आकर्षण बनकर रह गया है। दो दिन साथ में बात करने लेने को वे अटूट प्यार समझने लगते हैं और जिस घर में उन्होंने जन्म लिया जिन माता पिता ने रात दिन एक कर अपने बच्चों को बड़ा किया वही माता पिता उस झूठे प्यार के झांसे के आगे दुश्मन लगने लगते हैं। कहां कमी रह जाती है परवरिश में, शिक्षा में या आस पास के माहौल में? क्यों हम पूरी परिपक्वता के साथ बच्चों में सही निर्णायक क्षमता का विकास नहीं कर पाते हैं। कारण हम खुद ही हैं। इसलिए शादी के बाद रिश्ते जितना वक्त बनने में नहीं लगता उतना बिगड़ने में लग जाता है।

हालांकि बहुत से पतिपत्नी अंत समय तक खुशहाल जीवन व्यतीत करते हैं, मगर काफी पतिपत्नी के बीच तनाव रहता ही है और इस का कारण है एकदूसरे से काफी उम्मीदें पाले रखना,शादी के पहले पतिपत्नी एकदूसरे से काफी उम्मीदें पाल बैठते हैं, मगर जिंदगीभर साथ निभाने के लिए जो हुनर चाहिए होता है, वह उन के पास नहीं होता। शुरू में जब लड़कालड़की एकदूसरे के करीब आते हैं, तब उन्हें लगता है दोनों एकदूजे के लिए ही बने हैं और उन के साथी जैसा दुनिया में और कोई है ही नहीं. उन्हें लगता है, एकदूसरे का स्वभाव भी काफी मिलताजुलता है, लेकिन शादी के कुछ सालों बाद ही उन की एकदूसरे के प्रति भावनाएं खत्म सी होने लगती हैं और जब ऐसा होता है तब यह वैवाहिक जीवन को तबाह, बरबाद करने लगता है। कुछ शादियां तो अपनी मंजिल तक पहुंच जाती हैं, मगर कुछ बीच में ही दम तोड़ देती हैं, आखिर क्यों?

पति और पत्नी हमेशा से ही एक सलाहकार की भूमिका में होते हैं, लेकिन जब दोनों में से कोई आलोचक की भूमिका में निभाता है तो यह उनके रिश्ते पर बहुत दबाव डालता है। कभी-कभी तो इन कारणों से उपजी लड़ाई या छोटा-मोटा क्लेश समय के रहते सही हो जाता है, लेकिन कभी-कभार दोनों के बीच एक रिश्ता तलाक के कोर्ट की दहलीज तक पहुंच जाता है। आपसी समझ कि कमी, शिक्षा कि न्यूनता, घमंड, ज़िद्दी स्वभाव और एडजस्टमेंट कि कमी ये मुख्य कारण शादी जैसे पवित्र बंधन को तोड़कर रख देते हैं। शादी के बाद बेटी के जीवन में माता पिता द्वारा दख़लंदाज़ी भी पति-पत्नी के बीच मनमुटाव का कारण बनती है। शादी के बाद जरूरत हो या सच में बेटी को कोई परेशानी हो तभी माता पिता को समझाइश करके आपसी सुलह में सहयोग करना चाहिए। जहां तक संभव हो बेटी के घर के मसले उनके अपने स्तर पर ही सुलझने दें।

लेकिन क्या आप जानते हैं कि जीवन का सबसे महत्वपूर्ण रिश्ता एक दो दिन की लड़ाई या झगड़े से खराब नहीं होता बल्कि दोनों के रिश्ते में ऐसी कुछ वजह होती हैं जो धीरे-धीरे इस रिश्ते की जड़ों को खोखला बना देती हैं। ऐसे में अगर आप भी चाहते हैं कि आपका रिश्ता कभी खराब न हो इन गलतियों को भूलकर भी न करें। किसी ने ठीक ही कहा है कि शादी दो लोगों का ही नहीं बल्कि दो परिवारों का भी मिलन है, लेकिन आजकल के विवाहित जोड़े शायद इस बात को भूल गए हैं। तभी तो पति-पत्नी आपस की लड़ाई में एक-दूसरे के घरवालों को घसीटने से भी बाज नहीं आते। लड़ाई में दो लोग अक्सर इन बातों को भूल जाते हैं कि किसी को भी अपने परिवार की बुराई या उनके बारे में भला बुरा सुनना पसंद नहीं हैं।

इतना ही नहीं, कभी-कभी शादीशुदा जोड़े के बीच अक्सर अपने ससुराल वालों को लेकर भी बहस होती रहती है, जिसका असर उन दोनों की शादीशुदा जिंदगी को हमेशा-हमेशा के लिए बर्बाद कर देता है। एक दूसरे कि भावनाओं को समझें,एक दूसरे को पूरा सम्मान दें, दोनों के बीच आपसी सामंजस्य स्थापित करके रखें। दो लोगों से पूरा परिवार बनता है कई रिश्ते बनते हैं पर बढ़ते मनमुटावों से हर रिश्ता शुरू होने से पहले ही दम तोड़ देता है। पति-पत्नी होने के बावजूद दूसरों के प्रति आकर्षण होने लगता है क्यों कि जो प्यार, इज्जत, खुशी,परवाह और वैचारिक स्वतंत्रता पति-पत्नी को एक दूसरे से मिलनी चाहिए वो नहीं मिल पाती और यही वजह है कि ये रिश्ते वो क्वालिटी बाहर किसी दूसरे इंसान में ढूंढते हैं। आपसी सामंजस्य और एक दूसरे को समझने कि कोशिश किजिए हमेशा जीवंत बने रहिए और अपने घर परिवार को सदा हरा भरा बनाए रखिए।

सुधा प्रजापति

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