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लिपिक प्रकरण-चेयरपर्सन व ईओ को कानूनी नोटिस

लिपिक प्रकरण-चेयरपर्सन व ईओ को कानूनी नोटिस
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मुजफ्फरनगर। नगरपालिका परिषद् के लिपिक द्वितीय श्रेणी प्रवीण कुमार के खिलाफ एसडीएम की अध्यक्षता में गठित समिति की जांच में भ्रष्टाचार और अनियमितता साबित होने के बावजूद भी पालिका प्रशासन के स्तर से कार्यवाही नहीं होने पर शिकायतकर्ता ने अब कानूनी लड़ाई शुरू कर दी है। इस मामले में नगरपालिका परिषद् की चेयरपर्सन अंजू अग्रवाल व अधिशासी अधिकारी विनय कुमार मणि त्रिपाठी को कानूनी नोटिस भेजा गया है।

नगरपालिका परिषद् के लिपिक द्वितीय श्रेणी प्रवीण कुमार वर्तमान मे कर विभाग में कार्यरत हैं। उनके खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों को लेकर हुई जांच में दोष साबित हुआ, अब लिपिक पर कार्यवाही को लेकर पालिका की चेयरपर्सन अंजू अग्रवाल और अधिशासी अधिकारी विनय कुमार मणि त्रिपाठी में खींचतान चल रही है। प्रशासन को भेजे जवाब में ईओ साफ कर चुके हैं कि पालिका की नियुक्ति प्राधिकारी चेयरपर्सन हैं, जिस कारण उनके स्तर से ही कार्यवाही की जानी है। इसके लिए पत्रावली भी ईओ ने चेयरपर्सन के पास भिजवा रखी है। अब इस मामले में शिकायतकर्ता ने कानूनी बखेडा खड़ा कर दिया है। राष्ट्रीय आदर्श पार्टी के पश्चिमी जोन प्रदेश अध्यक्ष कवरंपाल शर्मा ने 14 मार्च 2018 में नोडल अधिकारी एवं प्रमुख सचिव परिवहन आराधना शुक्ला से नगर पालिका के लिपिक प्रवीण कुमार के संबंध में शिकायत की थी। इस शिकायत पर जांच करने के लिए प्रमुख सचिव ने तीन सदस्यीय कमेटी बनाते हुए जांच करने के निर्देश दिए थे। कमेटी की अध्यक्ष ज्वाईट मजिस्ट्रेट एवं तत्कालीन जानसठ एसडीएम गजल भारद्वाज ने इस पूरे प्रकरण की जांच की। जांच में प्रवीण कुमार दोषी पाए गए। वहीं इनकी नियुक्ति भी नियमों के विपरित निकली। गजल भारद्वाज ने इस मामले में लिपिक के खिलाफ कार्रवाई करने की संस्तुति सहित अपनी रिपोर्ट जिलाधिकारी को सौंप दी थी। आरोप है कि उनका ट्रांसफर होने के बाद इस पत्रावली को दबा दिया गया। कुछ दिन पूर्व स्थानीय निकाय प्रभारी अधिकारी एसडीएम अजय अम्बष्ट ने ईओ से लिपिक के खिलाफ हुई कार्रवाई के संबंध में पूछा तो उन्होंने पत्राचार के माध्यम से जवाब दिया कि पालिकाध्यक्ष नियुक्ति प्राधिकारी है। इसलिए लिपिक पर कार्रवाई पालिकाध्यक्ष को करनी है। कंवरपाल शर्मा ने इस मामले में विशेष सचिव नगर विकास, कमिश्नर, डीएम, स्थानीय निकाय प्रभारी अधिकारी, पालिकाध्यक्ष और ईओ को नोटिस दिया है।

इसमें उन्होंने कहा कि नोटिस प्राप्ति के 15 दिन के अंतर्गत संबंधित धाराओं में लिपिक के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज नहीं कराई गई तो समझा जाएगा कि पालिकाध्यक्ष और ईओ मिलकर लिपिक प्रवीण कुमार को संरक्षण दे रहे है। उन्होंने बताया कि लिपिक पर कार्रवाई न होने की दशा में राष्ट्रीय आदर्श पार्टी सीधे तौर पर लिपिक प्रवीण कुमार के विरूद्ध कानूनी कार्रवाई करने के लिए स्वतंत्र होगी। जिसकी जिम्मेदारी कमिश्नर और डीएम की भी होगी।

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