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एम एम पी बढने से मिलेंगे बेहतर दाम: अशोक बालियान

एम एम पी बढने से मिलेंगे बेहतर दाम: अशोक बालियान
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मुजफ्फरनगर । केंद्र सरकार द्वारा किसान हित में खरीफ की फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य में वृद्धि का विश्लेष्ण करते हुए अशोक बालियान, चेयरमैन,पीजेंट वेलफेयर एसोसिएशन ने कहा कि इससे किसानों को उपज के बेहतर दाम मिलेंगे।

उन्होने कहा कि केंद्रीय कैबिनेट ने 9 जून 2021 को किसान हित धान सहित कई खरीफ फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी कि एमएसपी में वृद्धि की घोषणा की है। धान का एमएसपी पिछले साल के 1868 रुपये प्रति क्विंटल से 72 रुपये बढ़ाकर 1940 रुपये प्रति क्विंटल, बाजरा पर एमएसपी बढ़ाकर 2150 रुपये प्रति क्विंटल से बढ़कर अब 2250 रुपये प्रति क्विंटल व् तिल पर एमएसपी 6855 रुपये प्रति क्विंटल से 452 रूपये बढ़ाकर 7307 रुपये प्रति क्विंटल किया गया है। अरहर (तुअर) व उडद पर 6000 रुपये प्रति क्विंटल से एमएसपी 300 रुपये बढ़ाकर 6300 रुपये प्रति क्विंटल किया गया है। तिल पर 6855 रुपये प्रति क्विंटल से एमएसपी 452 रुपये बढ़ाकर 7307 रुपये प्रति क्विंटल व् मूंगफली पर 5275 रुपये प्रति क्विंटल से एमएसपी 275 रुपये बढ़ाकर 5550 रुपये प्रति क्विंटल किया गया है। कपास (मध्यम रेशा) पर 5515 रुपये प्रति क्विंटल से एमएसपी 211 रुपये बढ़ाकर 5726 रुपये प्रति क्विंटल किया गया है।

बालियान ने कहा कि किसानों को उनकी उत्पादन लागत पर सबसे ज्यादा अनुमानित रिटर्न बाजरा (85 प्रतिशत) पर, उसके बाद उड़द (65 प्रतिशत) और तुअर (62 प्रतिशत) होने की संभावना है। तिलहनों के लिए भारत सरकार ने खरीफ सीजन 2021 में किसानों को मिनी किट्स के रूप में बीजों की ऊंची उपज वाली किस्मों के मुफ्त वितरण की महत्वाकांक्षी योजना को मंजूरी दी है।

उन्होने कहा कि खरीफ की फसलों में धान (चावल), मक्का, ज्वार, बाजरा, मूंग, मूंगफली, गन्ना, सोयाबीन, उडद, तुअर, कुल्थी, जूट, सन, कपास आदि फसलें आती हैं। खरीफ की फसलें जून जुलाई में बोई जाती हैं। सितंबर-अक्टूबर में इनकी कटाई होती है। दालों के एमएसपी में वृद्धि से किसानों को न सिर्फ उपज का उचित दाम मिलेगा, बल्कि फसलों के विविधीकरण को भी बल मिलेगा।

पीजेंट वेलफेयर एसोसिएशन केंद्र सरकार से यह अनुरोध करती है कि किसान के अन्य कुछ महत्वपूर्ण उत्पाद जैसे दुग्ध, गुड़ –शक्कर, शहद आदि को भी न्यूनतम समर्थन मूल्य के दायरे में लाया जाए और सरकारी खरीद प्रणाली को और बेहतर बनाया जाये ताकि जरूरत बंद सभी किसान न्यूनतम समर्थन मूल्य का लाभ उठा सके।

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