सपा-रालोद गठबंधन से भाजपा डरी: जयंत चौधरी

मुजफ्फरनगर। राष्ट्रीय लोकदल के अध्यक्ष जयंत चौधरी ने आज कहा कि समाजवादी पार्टी और रालोद का गठबंधन पूरी तरह मजबूत है और आगे उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी और रालोद से गठबंधन की सरकार अखिलेश यादव के नेतृत्व में बनना तय है। उन्होंने कहा कि इस गठबंधन की मजबूती से भाजपा में बौखलाहट है और इस बार क्षेत्र का किसान भाजपा को उसकी औकात बताएगा। समाजवादी पार्टी प्रत्याशी राजपाल सैनी के समर्थन में यहां आयोजित कार्यकर्ता संवाद कार्यक्रम में पहुंचे जयंत चौधरी का जोरदार स्वागत किया गया। इस मौके पर अपने संबोधन में जयंत चौधरी ने कहा कि उत्तर प्रदेश में इस बार राजनीति करवट ले रही है और प्रदेश में समाजवादी पार्टी व रालोद गठबंधन से राजनीति क्षेत्रों में हलचल है। इससे भारतीय जनता पार्टी सबसे अधिक परेशान है। जयंत चौधरी ने कहा कि जिस तरह से किसानों के साथ भाजपा सरकार में दुर्व्यवहार किए हैं उसे आज सब बदला लेने का समय आ गया है। उन्होंने कहा कि भाजपा किसान विरोधी पार्टी है, और सपा रालोद गठबंधन की सरकार बनेगी तो किसानों के लिए तमाम योजनाएं लागू की जाएगी। उन्होंने कहा कि इस चुनाव में भाजपा का जाना तय है और अगली बार भाजपा को हराकर समाजवादी पार्टी व रालोद का गठबंधन उत्तर प्रदेश में सरकार बनाएगा। उन्होंने खतौली से राजपाल सैनी को भारी बहुमत से विजय बनाने की अपील करते हुए कहा कि प्रदेश में मजबूत लोगों को सरकार में शामिल करने के लिए ऐसे लोगों का जिताया जाना जरूरी है ताकि किसानों, जवानों और कमजोर वर्गों की आवाज़ को मजबूत किया जा सके। समाजवादी पार्टी के जिलाध्यक्ष प्रमोद त्यागी, रालोद जिला के जिलाध्यक्ष प्रभात तोमर तथा राशिद सिद्दीकी समेत तमाम समाजवादी पार्टी व रालोद नेता आयोजन में शामिल हुए।
यहां पहुंचने पर जयंत चौधरी का जोरदार स्वागत किया गया तथा नारेबाजी के साथ सभी ने राजपाल सैनी को खतौली से विजयी बनाने का संकल्प जताया।
इससे पूर्व भारतीय जनता पार्टी के पैंतरे पर जयंत चौधरी ने कहा कि उनकी नजर मेरी तरफ नहीं है। उन्हें डर सता रहा है कि जनता मेरे साथ जुड़ रही है। हर चुनाव से पहले भाजपा इस तरह की बैठक करती है, लेकिन उससे मिलता क्या है। मैं कोई चवन्नी नहीं हूं जो पलट जाऊंगा। ये कोई हल्की बात नहीं है, हम हल्के लोग नहीं है। हमने इमानदारी से लड़ाई लड़ी है। जब तक उसे मुकाम तक नहीं पहुंचाएंगे हम रास्ते नहीं बदलेंगे। कल जो मीटिंग हुई है उसमें जो लोग गए हैं वो किसानों के शुभचिंतक नहीं हैं।