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मुजफ्फरनगर में छेड़छाड़ के आरोपी को पीड़िता ने कोर्ट में पहचानने से किया इंकार, कोर्ट ने किया बरी

मुजफ्फरनगर में छेड़छाड़ के आरोपी को पीड़िता ने कोर्ट में पहचानने से किया इंकार, कोर्ट ने किया बरी
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प्रतिकात्मक तस्वीर

मुजफ्फरनगर। छेडछाड के आरोपी को कोर्ट ने साक्ष्य के अभाव मे बरी कर दिया। दरअसल कोर्ट मे सुनवाई के दौरान पीडिता से आरोपीयो को पहचानने से ही इंकार कर दिया। जिसके बाद कोर्ट को साक्ष्य के अभाव मे आरोपीयो को बरी करना पडा। बता दे कि थाना मीरापुर के गांव महमूदपुर संभलहेड़ा में 26 जनवरी 2018 को कूड़ा डालने गई नाबालिग से छेड़छाड़ कर उसके कपड़े फाड़ दिये जाने का मामला सामने आया था। जिसमे एक घायल ने तहरीर देते हुए बताया था कि उसकी नाबलिग बहन खत्ते पर कूड़ा डालने गई थी। वहां से लौटते समय गांव के ही नईम उर्फ नेवला ने उसका हाथ पकड़ लिया। विरोध करने पर उससे छेड़छाड़ करते हुए कपड़े फाड़ दिये। छेड़छाड़ की घटना को लेकर गांव में मारपीट, जानलेवा हमला तथा बलवा आदि होने की शिकायत पर 5 आरोपियों पर मुकदमा दर्ज किया गया था।

बताया गया था कि जब लडकी की परिजनो ने इस घटना का विरोध किया तो नईम उर्फ नेवला, सलमान, सद्दाम, सुक्का तथा गुलशेर ने मारपीट करते हुए कातिलाना हमला किया। कई लोगों को मारपीट करते हुए बलवा किया। जिसके बाद पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर आरोपी नईम उर्फ नेवला तथा गुलशेर को गिरफ्तार कर लिया था। घटना के मुकदमे की सुनवाई विशेष पॉक्सो एक्ट कोर्ट में हुई। कोर्ट में सुनवाई से पहले पीड़िता ने अपने मजिस्ट्रियल बयान में आरोपों को दोहराया। लेकिन कोर्ट में सुनवाई के दौरान पीड़िता ने आरोपियों को पहचानने से इंकार करते हुए कह दिया कि मजिस्ट्रेट के समक्ष दिये गए 164 सीआरपीसी के गोपनीय बयान उसने पुलिस के दबाव में दिये थे। वह किसी भी आरोपित को नहीं पहचानती।घटना के मुकदमे की सुनवाई करते हुए विशेष पोक्सा एक्ट कोर्ट के जज संजीव कुमार तिवारी ने अभियोजन की याचना पर पीड़िता तथा वादी मुकदमा को पक्षद्रोही घोषित करते हुए सभी आरोपियों को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया।


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