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एसडीएम के मुख्यालय बैठाने पर वकीलों में रोष

तहसील सदर बार एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने डीएम से की आदेश निरस्त करने की मांग एडीएम वित्त को सौंपा ज्ञापन, 12 साल पूर्व मुख्यालय से तहसील शिफ्ट हुआ था एसडीएम सदर कोर्ट

एसडीएम के मुख्यालय बैठाने पर वकीलों में रोष
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मुजफ्फरनगर। जिलाधिकारी द्वारा एसडीएम सदर को सप्ताह में तीन दिन जिला मुख्यालय पर राजस्व वादों के निस्तारण के लिए सुनवाई करने के आदेश जारी कर दिये जाने से वकीलों में रोष बना हुआ है। आज तहसील सदर के वकीलों ने इस आदेश को जनहित के विपरीत बताते हुए इसको वापस लिये जाने की मांग करते हुए ज्ञापन सौंपा। तहसील सदर बार एसोसिएशन के अध्यक्ष योगेन्द्र कुमार काम्बोज एडवोकेट और सचिव मनोज कुमार पाल एडवोकेट के नेतृत्व में बार के सदस्य अधिवक्ता कलेक्ट्रेट स्थित डीएम कार्यालय पर पहुंचे और डीएम द्वारा उप जिलाधिकारी सदर के लिए राजस्व वादों की सप्ताह में प्रथम तीन दिन जिला मुख्यालय पर सुनवाई के लिए निर्देश जारी करने के खिलाफ रोष प्रकट किया गया।
इस दौरान जिलाधिकारी के नाम एक ज्ञापन एडीएम वित्त एवं राजस्व अजय तिवारी को सौंपा गया। इसमें तहसील सदर बार एसोसिएशन ने कहा कि एसडीएम सदर का न्यायालय शासनादेश के बाद करीब 12 साल पूर्व कलेक्ट्रेट से तहसील सदर मुख्यालय पर स्थानांतरित किया गया था, तभी से वहां पर जारी है और इससे लोगों को काफी राहत भी मिली है। वकीलों ने कहा कि प्रतिदिन करीब 100 वादों की पत्रावलियों का तहसील मुख्यालय से जिला मुख्यालय पर लाना व वापस ले जाना सुरक्षा व सुविधा की दृष्टि से उचित नहीं है, इनमें से अनेक पत्रावलियों काफी संवेदनशील मामलों से जुड़ी रहती हैं। जिला मुख्यालय से मुख्य रूप से कुछ चुनिंदा अधिवक्ता ही तहसील सदर जाकर राजस्व वादों की पैरवी करते हैं, जबकि 12 साल से वहां पर चल रहे एसडीएम न्याय के कारण तहसील में युवा अधिवक्ता काफी संख्या में वहां पर व्यवसाय कर रहे हैं। तहसील सदर में शासन से आई आर्थिक ग्रांट के तहत भवन का निर्माण भी कराया जा रहा है। ऐसे में जनहित को देखते हुए जिलाधिकारी से यह आदेश निरस्त करने की मांग की गयी है।






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