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खतौली विधानसभा उपचुनाव में चली जयंत चौधरी की आंधी

खतौली सीट पर जनता ने जयंत चौधरी की चौधर आहट को कायम रखते हुए इतिहास दोहराने की तरफ कदम बढ़ा दिया है।

खतौली विधानसभा उपचुनाव में चली जयंत चौधरी की आंधी
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मुजफ्फरनगर। खतौली सीट पर जनता ने जयंत चौधरी की चौधर आहट को कायम रखते हुए इतिहास दोहराने की तरफ कदम बढ़ा दिया है। 11 राउंड तक आए मतगणना परिणामों के बाद भाजपा के खेमे में पूरी तरह से मायूसी नजर आ रही है। भाजपा के कई नेता मतगणना स्थल के आसपास जमा थे, लेकिन रुझान देखकर इनमें से कई नेताओं ने अपनी गाड़ी को आगे बढ़ा लिया है। माना जा रहा है कि गठबंधन प्रत्याशी खतौली चुनाव में भाजपा को 15000 मतों से भी ज्यादा के अंतर से पराजित करने जा रहे हैं, हालांकि अभी मतगणना जारी है और लगभग 26 राउंड की मतगणना का कार्य शेष है, लेकिन जिस प्रकार पर रुझान आए हैं और 11 राउंड में सपा रालोद गठबंधन प्रत्याशी मदन भैया भाजपा के मुकाबले कहीं पर भी बिछड़ते नजर नहीं आ रहे हैं। उसको देखते हुए यही कहा जाएगा कि इस चुनाव में जयंत की पूरी तरह से आंधी चली है। रालोद अध्यक्ष जयंत चौधरी के सामने केवल भाजपा प्रत्याशी ही नहीं बल्कि चुनाव प्रचार में भाजपा की पूरी सरकार और भाजपा का पूरा संगठन कतार बद्ध चुनौती बनकर खड़ा हुआ नजर आ रहा था। सरकार के मुख्यमंत्री दोनों डिप्टी सीएम कैबिनेट और राज्य मंत्रियों की खोज विधायक और सांसद पूर्व विधायक और पूर्व सांसद के साथ ही छोटे से लेकर बड़े स्तर तक के जनप्रतिनिधि केंद्र सरकार के मंत्री तथा भाजपा संगठन के प्रदेश अध्यक्ष क्षेत्रीय अध्यक्ष के साथ ही तमाम बड़े पदाधिकारी और जिला स्तर का पूरा संगठन तथा रालोद से बगावत करके आने वाले नेताओं की खोज चुनाव मैदान में उतरी गौरव की माता सुरेश वती और उनके पिता रविंद्र चौधरी के साथ ही निर्दलीय प्रत्याशी प्रदीप ठाकुर का समर्थन तथा पिछले 5 साल की योजनाओं का विकास कार्य डबल इंजन की सरकार की जनकल्याणकारी योजनाएं उपलब्धियां सभी कुछ सपा रालोद गठबंधन के सामने भाजपा प्रत्याशी राजकुमारी सैनी की जीत के लिए झोंक दिया गया था लेकिन जिस प्रकार के रुझान मतगणना से अभी तक सामने आए हैं उसको देखते हुए यही माना जा रहा है कि खतौली की जनता ने बदतमीज बनाम बातमीज के नाम पर वोट देने का काम किया है इसी के साथ ही इस चुनाव को जिस प्रकार एक बार फिर भाजपा ने कव्वाल के बवाल से जोड़ते हुए सचिन और गौरव की गांव कवाल में हुई मौत को एक प्रकार से समाज के लिए बलिदान बताते हुए मुजफ्फरनगर दंगों के परिदृश्य में ले जाने का काम किया था जनता ने अपना वोट देकर अभी तक हुई मतगणना में यह साबित किया है कि नफरत की बात पर भाईचारे का संदेश यहां भारी पड़ सकता है। कुल मिलाकर अभी तक भाजपा प्रत्याशी मतगणना में पिछड़ रही हैं यही सिलसिला 27 राउंड तक कायम रहा तो एक बार फिर रालोद खतौली सीट पर भाजपा को जीत की हैट्रिक से रोक कर इतिहास रचने का काम करने जा रहा है।

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