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सड़क पर 129 हथियार, पुलिस और प्रशासन हुआ लाचार

पुलिस भी झाड़ रही हथियारों से अपना पल्ला, मालिक ने लगाया जबरन सुपुर्दगी देने का पुलिस पर आरोप, अफसर परेशान, जैदी गन हाउस दुकान को खाली कराकर फंसा पुलिस-प्रशासन, गन हाउस मालिक ने हथियारों को घर में रखने से किया इंकार

सड़क पर 129 हथियार, पुलिस और प्रशासन हुआ लाचार
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अंसारी रोड पर मनसब गेस्ट हाउस के पास स्थित जैदी गन हाउस नामक दुकान को खाली कराकर हथियार निकलवाने का मामला अब पुलिस प्रशासन के गले की फांस बन रहा है। ये हथियार पुलिस ने जबरन टैंपो में लदवाकर गन हाउस के मालिक के घर तो भेज दिये, लेकिन मालिक ने इन हथियारों को लेने से मना कर दिया है। हथियार से भरे टैंपो सड़क पर खड़े हैं। जिनमें लाइसेंसी शस्त्र है। उनका कहना है कि पुलिस ने देर रात थाने बुलाकर हथियार जबरदस्ती रिसीव कराए हैं। आज सवेरे नायब तहसीलदार पुलिस फोर्स के साथ घर पहुंचे, लेकिन संचालक ने हथियार घर के अंदर रखवाने से इंकार कर दिया। पुलिस भी तैनात की गई है।

कोतवाली पुलिस ने दुकान के विवाद में मंगलवार को अंसारी रोड के लाजपत राय मार्किट मनसब गेस्ट हाउस पर जैदी गन हाउस खाली कराया था। दुकान मालिक गांव बझेडी निवासी राशिद अहमद और किरायेदार जफर हसनैन जैदी के बीच यह मामला एडीएम वित्त एवं राजस्व के न्यायालय में विचाराधीन था। पिछले महीने न्यायालय ने दुकान खाली करने के आदेश दिए थे। मंगलवार को नायब तहसीलदार राजीव कुमार और पुलिस टीम मौके पर पहुंची। दुकान को खाली करा दिया और वहां से मिले 125 बंदूक, दो रिवाल्वर और दो पिस्टलों को पुलिस कब्जे में लेकर कोतवाली ले आई। इसके बाद मामला उलझ गया। गन हाउस संचालक का कहना है कि पुलिस ने उसके भाई को जबरन बुलाकर हथियार रिसीव करा दिए और टेंपू उसके घर भेज दिए। जबकि वह कानूनी तौर पर और सुरक्षा की लिहाज से हथियारों को अपने घर पर नहीं रख सकता।

बुधवार सुबह तक भी जफर हसनैन ने हथियार घर पर नहीं रखे। टेंपू घर के बाहर खड़े रहे। नायब तहसीलदार और पुलिसकर्मी उनके घर पर पहुंचे और उन्हें कलेक्ट्रेट चलने के लिए कहा गया, लेकिन संचालक ने इंकार कर दिया। घंटों तक इसको लेकर जद्दोजहद चलती रही। फिलहाल तीन टेंपू में लदे हथियार सड़क पर हैं और पुलिस-प्रशासन प्रकरण का हल नहीं निकाल पाई है। संचालक जफर हसनैन का कहना है कि उन्होंने डीएम को प्रार्थना पत्र दिया था कि जिला जज के न्यायालय में उनका प्रार्थना पत्र विचाराधीन है। अधिवक्ताओं की हड़ताल के चलते उस पर कोर्ट से कोई निस्तारण नहीं हो रहा है। इसी वजह से उनको इसके लिए समय दिया जाना चाहिए। आरोप है कि पुलिस प्रशासन ने मिलकर जबरन ही उनकी दुकान को खाली कराया है। कानून के मुताबिक वो हथियारों को अपने घर पर नहीं रख सकते हैं, पुलिस और प्रशासन ही उनको अपने पास रखे। सीओ सिटी रामाशीष यादव का कहना है कि न्यायालय के आदेश का पालन कर जैदी गन हाउस की दुकान को खाली कराया गया है। वहां रखे शस्त्र पुलिस ने कब्जे में लिए हैं। इस बारे में अधिकारियों के आदेश पर आगे की कार्रवाई की गई है।

कोतवाली पुलिस ने बताया कि लगभग बीस साल पहले राशिद से गन हाउस संचालक जफर व मोहम्मद आलम ने दुकान को किराए पर लेकर जैदी गन हाउस के नाम से शस्त्र की दुकान खोली थी। कुछ दिन बाद दुकान को लेकर विवाद हो गया। यह मामला एडीएम वित्त एवं राजस्व के न्यायालय में विचाराधीन था। पिछले महीने न्यायालय ने दुकान खाली करने के आदेश दिए थे। मंगलवार को नायब तहसीलदार राजीव कुमार और पुलिस टीम मौके पर पहुंची। दुकान को खाली करा दिया और वहां से मिले हथियारों को पुलिस कब्जे में लेकर कोतवाली ले आई। इसके बाद मामला उलझ गया। पुलिस ने जफर और उसके भाई को कोतवाली बुलाकर बंदूकों को ले जाने की बात कही, लेकिन उन्होंने इन्कार कर दिया। देर रात पुलिस ने संचालक के भाई को बुलाकर हथियार रिसीव करा दिए। इसके बाद पुलिस ने इन लाइसेंसी हथियारों से लदे टेम्पो संचालक के घर भेज दिए। यहां ये हथियार भरे टैंपो बिना सुरक्षा के खुले आसमान के नीचे ही खड़े रहे और आज दिनभर यहां लोगों का जमावड़ा रहा।

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