पितृ पक्ष का आरम्भ 20 सितम्बर से, श्राद्ध कर्म करते समय कोई उत्साहवर्द्धक कार्य नहीं करेंः पंडित संजीव शंकर

पितृ पक्ष का आरंभ इस साल 20 सितंबर से हो रहा है. महामृत्युंजय सेवा मिशन अध्यक्ष पंडित संजीव शंकर ने बताया कि हिन्दू धर्म में इन दिनों का खास महत्व है. पितृ पक्ष पर पितरों की मुक्ति के लिए कर्म किये जाते हैं. एक पक्ष तक चलने वाले इस श्राद्ध पक्ष में पितरों का तर्पण विधि-विधान से किया जाता है. श्राद्ध पक्ष का समापन सर्व पितृ अमावस्या के दिन यानि कि 6 अक्टूबर 2021 को होगा. श्राद्ध का अर्थ श्रद्धा पूर्वक अपने पितरों को प्रसन्न करने से है. हिंदू धर्म में श्राद्ध पर्व का विशेष महत्व होता है. हिंदू पंचांग के अनुसार, हर साल भाद्रपद मास की पूर्णिमा तिथि से आश्विन मास की अमावस्या यानी 16 दिनों तक श्राद्ध पर्व मनाया जाता है.
इसका बात का विशेष तौर पर ख्याल रखें कि जब आप श्राद्ध कर्म कर रहे हो तो कोई उत्साह वर्धक कार्य नहीं करें. श्राद्ध पितरों के निमित्त भावभीनी श्रंद्धाजलि का समय होता है. ध्यान रखेंगे कि इस दिन तामसिक भोजन न करें. परिवार के प्रत्येक सदस्य द्वारा दिवंगत आत्मा हेतु तिलांजलि और पुष्पांजलि दें. जरूरतमंद व्यक्तियों को भोजन करवाएं और वस्त्र दान दें.
साधारण रूप से श्राद्ध के दिन अपने घर के बाहर के दरवाजे के दोनों ओर ठंडा जल का छिड़काव व सफाई करके पितरों के स्वागत की व्यवस्था करनी चाहिए इससे प्रसन्न होकर पितृ आशीर्वाद देकर अपने लोक में वापस पहुंचते हैं। ब्राह्मण भोजन, गौ ग्रास, कौवे को भोजन व पीपल वृक्ष को शुद्ध जल से सिचना भी पितृ कार्य में श्रेष्ठ माने गए हैं।
श्राद्ध की तिथियां(श्री ब्रजभूमि पंचांग)
पूर्णिमा श्राद्ध - 20 सितंबर. सोमवार
प्रतिपदा श्राद्ध - 21 सितंबर. मंगलवार
द्वितीया श्राद्ध - 22 सितंबर. बुधवार
तृतीया श्राद्ध - 23 सितंबर. गुरुवार
चतुर्थी श्राद्ध - 24 सितंबर. शुक्रवार
पंचमी श्राद्ध - 25 सितंबर. शनिवार
पंचमी श्राद्ध - 26 सितंबर रविवार
षष्ठी श्राद्ध - 27 सितंबर. सोमवार
सप्तमी श्राद्ध - 28 सितंबर. मंगलवार
अष्टमी श्राद्ध- 29 सितंबर. बुधवार
नवमी श्राद्ध - 30 सितंबर. गुरुवार
दशमी श्राद्ध - 1 अक्टूबर. शुक्रवार
एकादशी श्राद्ध - 2 अक्टूबर. शनिवार
द्वादशी श्राद्ध- 3 अक्टूबर. रविवार
त्रयोदशी श्राद्ध - 4 अक्टूबर. सोमवार
चतुर्दशी श्राद्ध- 5 अक्टूबर. मंगलवार
सर्व पितृअमावस्या श्राद्ध- 6 अक्टूबर. बुधवार
महामृत्युंजय सेवा मिशन