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पचेण्डा कंला के ग्राम प्रधान का अनुसूचित जाति का प्रमाण पत्र निरस्त

मुज़फ्फरनगर। ग्राम पंचायत चुनाव में दाखिल निर्वाचित ग्राम प्रधान धर्मेंद्र का अनुसूचित जाति का प्रमाण पत्र ज़िला अधिकारी सी.बी. सिंह की अध्यक्षता में गठित ज़िला जाति सत्यापन समिति ने रद्द कर दिया है । ग्राम प्रधान चुनाव में दो वोट से हारी प्रत्याशी डाक्टर मोनीका सिंह ने निर्वाचित ग्राम प्रधान धर्मेंद्र के विरुद्ध याचिका दाखिल कर चुनोती दी थी कि धर्मेंद्र कोरी जाती का नही है, और इस वजह से धर्मेंद्र अनुसूचित जाति का नही। इस वजह से उसके द्वारा दाखिल प्रमाण पत्र रद्द किया जावे। इस आधार पर धर्मेंद्र को प्रधान पद से हटाया जाए। गत 22 मई 2021 की याचिका पर जिलाधिकारी चंद्रभूषण सिंह की अध्यक्षता में गठित ज़िला जाति सत्यापन समिति ने आठ अप्रैल 2022 को अपने निर्णय में परगना मजिस्ट्रेट सदर की आख्या के आधार पर दिनांक 14 अक्टूबर 2013 के जारी कोरी जाती का प्रमाण पत्र रद्द कर दिया है। इस निर्णय से धर्मेंद्र का ग्राम प्रधान पचैण्डा कंला का पद खतरे में पड़ गया हैं।


बता दें की धर्मेंद्र ने अपने को हिन्दू जुलाहा कोरी जाति दर्शा कर प्रमाण पत्र हासिल कर चुनाव मे दाख़िल कर दिया था इस आधार पर उसे पचेण्डा कंला का ग्राम प्रधान निर्वाचित घोषित कर दिया गया था। अब ज़िला जाति सत्यापन समिति ने यह निर्णय दिया है कि, ग्राम प्रधान धर्मेंद्र अनुसूचित जाति कोरी जाती का लाभ अनुमान्य किया जाना न्याय उचित नही है। धर्मेंद्र के पक्ष मे जांरी किया गया अनुसूचित जाति का प्रमाण पत्र निरस्त किया जाता है। ज़िला अधिकारी की अध्यक्षता में सत्यापन समिति में अपर जिला अधिकारी प्रशासन नरेंद्र बहादुर सिंह ,उप परगना मजिस्ट्रेट सदर परमानंद झा, ज़िला समाज कल्याण अधिकारी विनीत कुमार ने यह निर्णय दिया है।


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