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सम्मेद शिखर जी क्षेत्र को अभ्यारण्य घोषित करने का विरोध करेगा जैन समाज

सम्मेद शिखर जी क्षेत्र को अभ्यारण्य घोषित करने का विरोध करेगा जैन समाज
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मुजफ्फरनगर । सन्मति प्रशिक्षण इंस्टिट्यूट प्रबंधक समिति, मुजफ्फरनगर द्वारा आयोजित भगवान महावीर जन्मकल्याणक के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में दिल्ली से आये विश्व जैन संगठन के अध्यक्ष संजय जैन ने झारखंड मे स्थित सर्वोच्च जैन तीर्थ श्री सम्मेद शिखर को केंद्रीय वन मंत्रालय द्वारा वन्य जीव अभ्यारण घोषित करने वाले आदेश को तुरंत रद्द कर सम्पूर्ण क्षेत्र को मांस-मदिरा बिक्री मुक्त कर पवित्र "जैन तीर्थस्थल" घोषित करने, यात्री पंजीकरण और सुरक्षा जाँच व्यवस्था की मांग की जिसका समर्थन उपस्थित मुजफ्फरनगर जैन समाज की प्रमुख संस्थाओं के पदाधिकारियों ने किया और प्रमुख रुप से प्रदीप जैन को जिले स्तर पर जैन समाज की मांग को राज्य सरकार के माध्यम से केंद्र सरकार तक पहुंचाने हेतु कार्यभार सौपा गया!

संजय जैन ने कहा कि गिरिडीह जिले में झारखंड की सबसे ऊँची पहाड़ी 'पारसनाथ' से 24 जैन तीर्थंकरों में से 20 तीर्थंकरों ने मोक्ष प्राप्त किया था, जिसका कण-कण जैन समाज के लिये पूजनीय है! केंद्रीय वन मंत्रालय द्वारा बिना जैन समाज की सहमती के वन्य जीव अभ्यारण का एक भाग घोषित कर समस्त जैन समाज की भावनाओं को ठेस पहुचाई है! झारखंड प्रशासन की लापरवाही के कारण सर्वोच्च जैन तीर्थ की पवित्रता को सैर सपाटे, ट्रेकिंग और पिकनिक के नाम पर नष्ट करने का प्रयास किया जा रहा है! केंद्रीय वन मंत्रालय और झारखंड सरकार द्वारा जैन समाज की भावनाओं से छेडछाड़ करना दुखद व असहनीय है और भारतीय संविधान और अल्पसंख्यक समाज के अधिकारों का घोर उल्लंधन है।

दिल्ली से आये श्री दीपक जैन व प्रदीप जैन ने अनादि काल काल से जैन आस्था के केंद्र श्री सम्मेद शिखर के संरक्षण व पवित्रता की मांग की।

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