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रेप का साक्ष्य देख जज ने की आरोपी की जमानत खारिज

रेप का साक्ष्य देख जज ने की आरोपी की जमानत खारिज
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मुजफ्फरनगर। करीब चार माह पूर्व गांव में दुकान पर सामान लेने गयी किशोरी को दुकानदार शाका द्वारा पकड़कर उसके साथ रेप किये जाने के मामले में अदालत ने आज आरोपी की जमानत अर्जी को अस्वीकार कर दिया। आरोपी की ओर से अदालत से जमानत मांगी गई थी, लेकिन अभियोजन ने उसकी अर्जी का विरोध करते हुए अदालत में रेप की घटना के साक्ष्य के रूप में वीडियो को पेश किया। रेप की वीडियो को जज ने अदालत में साक्ष्य के रूप में देखा और आरोपी की घिनौनी हरकत पर नाराजगी प्रकट करते हुए उसकी जमानत अर्जी को खारिज कर दिया। आरोपी ने वीडियो बनाकर किशोरी को ब्लेकमेल किया और कई बार उसके साथ बलात्कार किया।


रेप के मामले में 4 महीनों से जेल में बंद चल रहे आरोपी की जमानत अर्जी को आज एक अदालत द्वारा खारिज कर दिया गया। फैसला लेने से पहले जज ने लैपटाप पर अकेले में नाबालिग से रेप का लाइव वीडियो देखा। हांलाकि वीडियो में रेप करते आरोपी का चेहरा नजर नहीं आया। अभियोजन के अनुसार थाना क्षेत्र पुरकाजी के एक गांव में 25 जनवरी 2022 को परचून की दुकान पर सामान लेने गई 14 वर्षीय सरकारी स्कूल की छात्रा से दुकानदार शाका गिरी उर्फ रवि उर्फ भूरा पुत्र अशोक निवासी गांव गोधना ने सामान देने के बहाने दुकान के भीतर बुलाकर रेप किया। आरोप है कि शाका गिरी उर्फ रवी ने रेप करते हुए पीड़िता की अश्लील वीडियो बना ली। जिसके बाद अश्लील वीडियो वायरल करने का डर दिखाकर उससे कई बार रेप किया गया। एक दिन पीड़िता ने मना किया तो रेप की वीडियो वायरल कर दी। नाबालिग के साथ रेप की वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होते ही हड़कंप मच गया था। थाना पुरकाजी पुलिस हरकत में आ गई थी। गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज कर 7 फरवरी 2022 को आरोपित को गिरफ्तार कर लिया गया था। पुलिस ने मामले की विवेचना कर आरोपित के खिलाफ चार्जशीट कोर्ट में दाखिल की थी। वायरल वीडियो पैन ड्राइव में सेव कर केस डायरी में संलग्न कर दी गई।

आरोपी युवक शाका के अधिवक्ता की ओर से कोर्ट में जमानत अर्जी लगाते हुए रेप की वायरल वीडियो चलाने का अनुरोध किया गया था। जिस पर विशेष पोक्सो एक्ट कोर्ट के जज संजीव कुमार तिवारी ने रेप की वायरल वीडियो की पैन ड्राइव लैपटाप पर लगाकर अपने चैंबर में देखी गई। 4 मिनट की रेप की वीडियो में हांलाकि रेपिस्ट का चेहरा नजर नहीं आया। बावजूद कोर्ट ने माना कि वीडियो देखकर यह निष्कर्ष नहीं निकाला जा सकता कि मुकदमे के आरोपी ने इस घटना को अंजाम दिया या नहीं। विशेष लोक अभियोजक दिनेश शर्मा ने बताया कि वीडियो देखकर कोर्ट ने माना कि पीड़िता का रेप हुआ है। पीड़िता ने पुलिस तथा मजिस्ट्रेट एवं मेडिकल के समय दिये गए बयान में आरोपी पर ही रेप का आरोप लगाया है। विशेष लोक अभियोजक दिनेश कुमार शर्मा ने बताया कि बचाव पक्ष की और से आरोपी को जमानत दिये जाने की गुहार लगाई गई थी। उन्होंने बताया कि दोनों पक्ष की बहस सुनने के बाद विशेष अपर सत्र न्यायाधीश पोक्सो एक्ट संजीव कुमार तिवारी ने आरोपी की जमानत अर्जी खारिज कर दी। उन्होंने बताया कि कोर्ट ने माना कि आरोपित का अपराध गंभीर, जघन्य तथा बर्बरतापूर्ण है।


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