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किसानों के 'ब्लात्कार' पर तीनों मंत्री खामोशः राजू अहलावत

किसानों के ब्लात्कार पर तीनों मंत्री खामोशः राजू अहलावत
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मुजफ्फरनगर। केन्द्र सरकार द्वारा लाये गये तीन कृषि बिलों और किसानों के उत्पीड़न के विरोध में भारतीय किसान यूनियन के सोमवार को हुए प्रदेशव्यापी आंदोलन के दौरान जिलाधिकारी कार्यालय पर धरने के दौरान भाकियू नेता शासन और प्रशासन के रवैये से खासे नाराज नजर आये। भाकियू के मण्डल महासचिव राजू अहलावत ने कहा कि किसानों के साथ मर्द बना प्रशासन 'ब्लात्कार' कर रहा है और जिले के तीनों मंत्री खामोश हैं।

सोमवार को कलेक्ट्रेट में भाकियू के धरने को सम्बोधित कर रहे राजू अहलावत ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने किसानों की पीड़ा का अहसास नहीं किया, उनकी आह को नहीं सुना और संसद में बिना सुनवाई, बिना चर्चा कराये तीन कृषि बिलों को पारित कराकर नया कृषि कानून बना दिया। इससे देश के किसानों, व्यापारियो और मजदूरों में आक्रोश है। उन्होंने कहा कि आज सत्ता के लोग कुर्सी के नशे में चूर है और विपक्षी दल हो हल्ला मचाने के अलावा कुछ नहीं कर पा रहे हैं। विपक्षी पूरी तरह से नकारा हो चुका है। अब किसान को ही अपना हक हासिल करने के लिए आरपार की लड़ाई लड़नी पड़ेगी। उन्होंने किसानों के साथ की जा रही जोर जबरदस्ती को लेकर जिला प्रशासन के प्रति भी कड़ा रोष जाहिर करते हुए कहा कि किसानों ही प्रशासन का डंडा चलता है। भूमि अधिग्रहण की समस्या निपटाने के बजाये जबरन किसानो की भूमि कब्जाने के लिए अधिकारी जेसीबी मशीन लेकर किसानों की फसल को बर्बाद करने पहुंच जाते है। उन्होंने कहा कि प्रशासन ने जो मर्दानगी किसानों की फसलों को नष्ट करने में दिखाई है, क्या वही मर्दानगी शुगर मिलों पर भी किसानों का बकाया भुगतान दिलाने के लिए दिखा सकता है। राजू अहलावत ने प्रशासन को चुनौती देते हुए कहा कि यदि वह मर्द है तो 15 दिन में किसानों का भुगतान नहीं करने वाली चीनी मिलों पर जेसीबी चलाकर दिखाई।

उन्होंने जनपद के जनप्रतिनिधियों के रवैये को भी जनविरोधी बताते हुए कहा कि आज प्रशासन किसानों की फसलों को तबाह कर उनके साथ 'ब्लात्कार' कर रहा है, तो ऐसे में भी प्रशासन को रोकने का कोई उपाय नहीं किया जा रहा है। जिले में कहने को तीन मंत्री हैं, लेकिन किसानों की शोषण पर तीनों ही खामोश हैं। यह चुप्पी इनको भारी पड़ेगी। उन्होंने प्रशासन को चेतावनी देते हुए कहा कि यदि किसान एवं यूनियन कार्यकर्ता के साथ प्रशासन या पुलिस ने अभद्रता की तो उसका अंजाम भुगतने के लिए भी तैयार रहना होगा।

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